Haryana Weather: किसानों के लिए खतरे की घंटी, 20 जिलों मे बारिश का हाई अलर्ट, करनाल मे यमुना उफान पर

हरियाणा में मौसम विभाग ने बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। यमुनानगर और कुरुक्षेत्र जिलों में ऑरेंज अलर्ट जबकि शेष 20 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। विभाग के अनुसार, इन क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना है। वहीं, राज्य के छह जिलों- अंबाला, सोनीपत, रोहतक, हिसार, चरखी दादरी और कुरुक्षेत्र में सुबह से ही बारिश हो रही है। अन्य जिलों में भी बादल छाए हुए हैं।

 

हरियाणा में मौसम विभाग ने बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। यमुनानगर और कुरुक्षेत्र जिलों में ऑरेंज अलर्ट जबकि शेष 20 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। विभाग के अनुसार, इन क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना है। वहीं, राज्य के छह जिलों- अंबाला, सोनीपत, रोहतक, हिसार, चरखी दादरी और कुरुक्षेत्र में सुबह से ही बारिश हो रही है। अन्य जिलों में भी बादल छाए हुए हैं।

यमुनानगर में सोमवार रात को भी तेज बारिश हुई थी। यहां तेज हवाओं के कारण छप्पर से सारण जाने वाले मार्ग पर पेड़ गिर गया, जिससे रास्ता अवरुद्ध हो गया। अंबाला में जंडली अंडरपास में जलभराव होने से आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ा। सोमवार को भी प्रदेश के 14 जिलों में रुक-रुक कर बारिश दर्ज की गई थी, जिसके चलते कई जगहों पर जलभराव की स्थिति बन गई थी। मौसम विभाग का अनुमान है कि यह स्थिति 27 अगस्त तक बनी रह सकती है। इसके बाद बारिश की गतिविधियों में कमी आने की संभावना है।

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इस बार मानसून सीजन में हरियाणा में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा बारिश यमुनानगर जिले में हुई है, जहां आंकड़ा करीब 900 मिमी तक पहुंच चुका है, जबकि सिरसा जिले में सबसे कम बारिश हुई है।

लगातार हो रही बारिश का असर नदियों पर भी दिख रहा है। हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में 1 लाख 78 हजार 996 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद करनाल में यमुना उफान पर आ गई है। इससे नदी से सटे गांवों के लोगों की चिंता बढ़ गई है। रविवार को यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए थे, जिसके बाद यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया।

दिल्ली के आईटीओ पर भी यमुना का पानी खतरे के निशान को पार करता हुआ दिखाई दे रहा है। अधिकारियों का कहना है कि भारी बारिश और लगातार बढ़ते जल स्तर ने बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है। सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता विजय गर्ग ने बताया कि इस मौसम में पहली बार नदी में 1.78 लाख क्यूसेक पानी आया है, जो अब तक का सबसे अधिक जलस्तर है।

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मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में सावधानी बरतने की जरूरत है। वहीं, महाराष्ट्र के कई जिलों के लिए भी 20 अगस्त तक रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।