logo

गणेश चतुर्थी महोत्सव शुरू, भूलकर भी न करें ये काम ganesh chaturthi 2025

गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से आरंभ होकर दस दिनों तक चलता है। इन दिनों को विशेष पुण्यकारी माना गया है। मान्यता है कि जो भी भक्त श्रद्धा और भक्ति के साथ विघ्नहर्ता गणेश की उपासना करता है, उसकी सभी परेशानियाँ समाप्त हो जाती हैं और जीवन की हर रुकावट दूर हो जाती है। यहां तक कि नवग्रह दोष भी गणेश जी की कृपा से मिट जाते हैं।

 
ganesh
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Ganesh Utsav 2025: गणेश उत्सव के दौरान प्रतिदिन गणपति बप्पा को मोदक और घी का भोग लगाने से घर में सुख, समृद्धि और सौभाग्य बढ़ता है। यदि कोई साधक केवल वरदान ही नहीं बल्कि महावरदान प्राप्त करना चाहता है, तो उसे विशेष मंत्र का जाप करना चाहिए – “नमस्ते योगरूपाय संप्रज्ञातशरीरिणे। असंप्रज्ञातमूध्र्रे ते तयोर्योगमयाय च॥”। इस मंत्र का अर्थ है कि हे गणेश्वर! आपका शरीर सम्प्रज्ञात समाधि है और आपका मस्तक असम्प्रज्ञात समाधि है। दोनों के योगमय स्वरूप के कारण आप योगस्वरूप हैं, आपको मेरा नमन है।

गणेश चतुर्थी 2025 की शुरुआत 26 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर होगी और यह तिथि 27 अगस्त दोपहर 3 बजकर 44 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के आधार पर यह पर्व 27 अगस्त 2025, बुधवार को मनाया जाएगा।

इस बार चंद्र दर्शन वर्जित रहेगा। 26 अगस्त को दोपहर 1:54 बजे से रात 8:29 बजे तक तथा 27 अगस्त को सुबह 9:28 बजे से रात 8:57 बजे तक चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखने से व्यक्ति पर मिथ्या आरोप लग सकते हैं।

Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष में चंद्रग्रहण के साथ होगा महालय, जानें सभी श्राद्ध तिथियां

कहा जाता है कि इस दिन चंद्र दर्शन करने वाले पर चोरी का झूठा आरोप लग सकता है, किसी स्त्री से छेड़छाड़ का गलत इल्जाम लगाया जा सकता है या फिर उसके ऊपर संदेह किया जा सकता है। इतना ही नहीं, व्यक्ति की कही हुई बातों का गलत अर्थ निकाला जा सकता है और वह झूठे मुकदमों में भी फँस सकता है। इससे समाज में उसकी प्रतिष्ठा को आघात पहुँचता है और विपरीत लिंग द्वारा भी अनुचित लांछन लगाया जा सकता है।

इसी कारण शास्त्रों में गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन को वर्जित माना गया है।