Madarsa Survey पर जमीयत के तीन बड़े फैसले, कहा सरकार से होगी बात!
Jamiat Ulema e Hind Meeting: उत्तर प्रदेश (UP) की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Govt) द्वारा मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को लेकर सर्वे (Madarsa Survey) कराने के निर्देश के विरोध में मंगलवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बैठक (Jamiat Ulema-e-Hind) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई। मौलाना महमूद मदनी (Maulana Mahmood Madani) द्वारा बुलाई गई यह मीटिंग जमीयत के दिल्ली कार्यालय में हुई और इसमें यूपी के बड़े मदरसों से जुड़े लोग शामिल हुए।
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बैठक में जमीयत ने कौन से तीन बड़े फैसले किए?
बैठक के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी (Maulana Mahmood Madani) ने कहा कि जमीयत एक कमेटी का गठन करेगा। कमेटी यूपी सरकार से मुलाकात करेगी और जमीयत सर्वे का विरोध नहीं करेगा। महमूद मदनी ने कहा कि हम संबंधित अधिकारियों को एक आवेदन भेजकर उनसे मिलने के लिए समय मांगेंगे। कोई भी काम गलत तरीके से नहीं करना चाहिए, भले ही वह अच्छा काम ही क्यों न हो। कुछ सुधार करने के लिए हमेशा जगह होती है, जिस तरह से मदरसों को चित्रित किया जा रहा है वह गलत है। उन्होंने कहा कि आपने देखा कि असम में क्या हुआ। अगर यह तरीका अपनाया जाता है तो यह अवैध है।
योगी सरकार ने गैर सरकारी मदरसों के सर्वे का निर्देश दिया
बता दें कि योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Govt) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का निर्देश दिया है। सर्वे के दौरान गैर सरकारी मदरसों में मौजूद मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जांची जाएगी। पिछले हफ्ते यूपी सरकार के मंत्री अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी (Danish Azad Ansari) ने इस फैसले की घोषणा की थी।
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योगी सरकार द्वारा क्यों करवाया जा रहा है मदरसों का सर्वे?
योगी सरकार (Yogi Govt) अवैध मदरसों में संचालित होने वाली गतिविधियों पर रोक लगाने के मकसद से यह सर्वा करा रही है। इससे पहले असम के कई मदरसों (Madarsa) का कनेक्शन आतंकियों से सामने आ चुका है।