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Property Right : रजिस्ट्री के लिए इस प्रकार ले सकते है कोर्ट की मदद, जानें पूरी खब़र

वसीयत: एक व्यक्ति अपनी संपत्ति को दावेदारों में बाँट देता है। संपत्ति के बंटवारे को लेकर अक्सर विवाद होता है जब वसीयत नहीं होती। विवाद होने की संभावना आम तौर पर वसीयत लिखने से कम होती है।
 
रजिस्ट्री के लिए इस प्रकार ले सकते है कोर्ट की मद्द
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Haryana Update :- लेकिन लिखी गई वसीयत से संपत्ति पर दावा करने वाला व्यक्ति अक्सर असंतुष्ट होता है। वह व्यक्ति न्यायालय में मामले को दाखिल कर सकता है अगर उसकी असंतुष्टि का वाजिब कारण है। इस लेख में हम इससे जुड़े कानूनों और नियमों के बारे में बताएंगे-

किन आधारों पर वसीयत चुनौती दे सकती है-

- वसीयत लिखे जाने के समय, आप वसीयत संबंधी मामले को न्यायालय में ले जा सकते हैं अगर इससे संबंधी प्रावधानों        और उससे जुड़ी प्रक्रिया के साथ-साथ प्रोपर कागजी कार्य भी नहीं हुआ है।


- एक मजबूत आधार बन सकता है अगर संपत्ति के मालिक ने अपनी इच्छा के बिना वसीयत बनाई है। लेकिन इस दावे को    सही साबित करने के लिए आपके पास स्पष्ट सबूत होना चाहिए।

- वसीयत को चुनौती देने का एक और मजबूत आधार है अगर संपत्ति का मालिक वसीयत बनाने के समय मानसिक रूप से    सही नहीं रहा हो, नशे में हो या ऐसी स्थिति में हो जब वह सही और गलत को ठीक से अलग नहीं कर पा रहा हो।            लेकिन इसके लिए आपके पास भी स्पष्ट प्रमाण होना चाहिए।

- यह एक आधार है कि वसीयत को चुनौती देने के लिए कोर्ट में सबूत देना चाहिए अगर वसीयत धोखे से, फर्जीवाड़े से,        लालच देकर या अन्य अवैध तरीके से बनवाई गई है।

- अगर वसीयत में संपत्ति न्यायपूर्ण रूप से नहीं बाँटी गई है भेदभाव और गलत वितरण की स्थिति में भी कोर्ट जा सकते हैं।

वकील से मदद लें-

  लेकिन वसीयत को चुनौती देने में कानूनी प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में आपको एक अनुभवी वकील की        मदद लेनी चाहिए।