Latest Update:जाने क्यों सरकार डीजल वाले वाहनों पर लगा रही है प्रतिबंध, ये वाहन भारत में जल्द ही हो सकते हैं बैन, जाने पूरी खबर

Latest Update : Air Pollution आज भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में एक बड़ी समस्या बन गई है। सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में देश के प्रमुख शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने इस संबंध में एक पैनल बनाया है। Panel ने सरकार को सुझाव दिया कि 2022 तक डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाए, अगर 10 लाख से अधिक लोगों वाले शहर हैं। इसके अलावा, इस पैनल ने विद्युत और गैस चालित वाहनों को बढ़ावा देने के लिए भी कहा है। सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार कठोर कार्रवाई करेगी।
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डीजल वाहनों की हिस्सेदारी
आपको जानकारी के लिए बता दें कि डीजल भारत में परिष्कृत ईंधन की खपत का लगभग 2/5 हिस्सा है। इसका 80% परिवहन क्षेत्र में उपयोग किया जाता है। SIAM की रिपोर्ट के अनुसार, 2013 में डीजल कारों का हिस्सा 58% था, जो 2017 में 40% हो गया। 2021 में यह संख्या 17 प्रतिशत से भी कम हो गई, जो 2023 में 19 प्रतिशत से कम था।
डीजल की कठोरता के कारण
डीजल वाहन बहुत अधिक मात्रा में PM उत्सर्जित करते हैं। ऐसी गैसों से लंबे समय तक संपर्क में रहने से अस्थमा, फेफड़े की समस्याएं और कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि वायु प्रदूषण जीवन की आयु भी कम करता है।
सरकार ने उठाए ये ठोस कदम
देश में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए पिछले कुछ सालों में सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं। इसके अंतर्गत 1 अप्रैल से देश में BS 6 चरण 2 की जानी-मानी स्कीम, स्वच्छ ईंधन के लिए लागू की गई है। इसके अलावा, सरकार कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए रियायतें भी देती है। एथेनॉल ईंधन वाहनों में उपयोग होने लगा है। वर्तमान में पेट्रोल में 11.75 प्रतिशत एथेनॉल शामिल है। 2030 तक भारत का लक्ष्य है कि उसकी जैव ईंधन की हिस्सेदारी वर्तमान 6.2% से 15 प्रतिशत हो जाए।
वाहन कंपनियां भी सावधान हैं
डीजल उत्पादन से वाहन निर्माता कंपनियां चिंतित हैं। Maruti Suzuki India और Honda जैसे कई कार कंपनियों ने वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयास में डीजल से चलने वाली यात्री वाहनों का उत्पादन बंद कर दिया है। Toyota और Maruti भी फ्लेक्स फ्यूल वहां पर कम कर रहे हैं।
पैनल ने महत्वपूर्ण सुझाव दिया
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पैनल ने निम्नलिखित सुझावों को प्रस्तुत किया
2024 से केवल इलेक्ट्रिक वाहनों के नए पंजीकरण होंगे।
2030 तक सिटी बसों में इलेक्ट्रिक नहीं होने वाले बसों को नहीं जोड़ा जाएगा।
प्राकृतिक गैस का प्रयोग ऑटोमोबाइल उद्योग में बढ़ाया जाना चाहिए।