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Health News :लोगों को अचानक पड़ रहें हैं दिल के दौरे, ज्यादातर को बीमारी की भनक तक नही

Health News :2025 तक देश में सात करोड़ मधुमेह के मामले होंगे, ऐसा अनुमान है। दिल्ली में इस समस्या से निपटने के लिए दुनिया भर से डॉक्टर मिलेंगे। मधुमेह पर अध्ययन इस दौरान प्रस्तुत किए जाएंगे।

 
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Health News :2025 तक देश में सात करोड़ मधुमेह के मामले होंगे, ऐसा अनुमान है। दिल्ली में इस समस्या से निपटने के लिए दुनिया भर से डॉक्टर मिलेंगे। मधुमेह पर अध्ययन इस दौरान प्रस्तुत किए जाएंगे।

मधुमेह भी अचानक दिल का दौरा करने के लिए जिम्मेदार हो सकता है। मधुमेह से जुड़े अध्ययनों से पता चलता है कि युवा वयस्कों में मधुमेह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिनमें से अधिकांश को पता ही नहीं है कि उन्हें मधुमेह है. ये मामले आहार परिवर्तनों और कम शारीरिक गतिविधि से जुड़े हैं। 

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मधुमेह वाले वयस्कों में दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा दो से तीन गुना बढ़ जाता है। इसके अलावा, कम रक्त प्रवाह से पैरों में अल्सर, संक्रमण और न्यूरोपैथी (तंत्रिका क्षति) का खतरा बढ़ जाता है। मधुमेह रेटिनोपैथी, जो गुर्दे तक फैलता है, अंधेपन का एक महत्वपूर्ण कारण है। अगले महीने दिल्ली में लोटस डायबिटीज फाउंडेशन का वार्षिक सम्मेलन इन्हीं मुद्दों पर होगा। इसमें मधुमेह से संबंधित नई खोजों, उपचारों और मधुमेह को पूरी तरह से दूर करने के प्रयासों पर चर्चा की जाएगी। 

डॉ. रजत झाम्ब, गुरु तेग बहादुर अस्पताल के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक और सम्मेलन के वैज्ञानिक सदस्य, ने बताया कि ऐसे कई मामले देखे गए हैं जब युवा लोगों को अचानक दिल के दौरे में मधुमेह का पता चला। मधुमेह दिल की बीमारी बढ़ाता है। उनका कहना था कि मधुमेह देश के लिए एक बड़ी समस्या है। 

2025 तक देश में सात करोड़ मधुमेह के मामले होंगे, ऐसा अनुमान है। दिल्ली में इस समस्या से निपटने के लिए दुनिया भर से डॉक्टर मिलेंगे। मधुमेह पर अध्ययन इस दौरान प्रस्तुत किए जाएंगे। साथ ही इसकी रोकथाम, मधुमेह के इलाज और नई चिकित्सा प्रणाली पर भी चर्चा होगी।

जानकारी का अभाव

मधुमेह के बारे में लोगों में बहुत कम जागरूकता है। आधे देशी मरीजों को पता नहीं है कि वे मधुमेह से पीड़ित हैं। कभी-कभी जांच करने पर उन्हें पता चलता है। डॉ. झाम्ब ने बताया कि मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति की अग्न्याशय पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनाती है। या फिर शरीर अपने द्वारा बनाया गया इंसुलिन को सही ढंग से नहीं कर पाती। रक्त शर्करा को नियंत्रित करने वाले हार्मोन इंसुलिन है। ऐसे में मधुमेह की समस्याओं को पहले से ही रोकथाम करने के लिए हमें नियमित मधुमेह जांच करवानी चाहिए।

तीन प्रकार का है मधुमेह के तीन प्रकार हैं: टाइप 1, टाइप 2 और गर्भावधि मधुमेह।

टाइप 1: यह मधुमेह किसी भी उम्र में हो सकता है। यह बच्चों और युवा लोगों में आम है। शरीर इसमें इंसुलिन नहीं बनाता है। यह हर दिन इंसुलिन इंजेक्शन की जरूरत है।

टाइप 2:वयस्क मधुमेह आम है। कुल मामलों में लगभग ९० इसी प्रकार के हैं। शरीर द्वारा उत्पादित इंसुलिन का इसमें अच्छा उपयोग नहीं होता। स्वस्थ जीवन शैली का पालन करने से इससे होने वाली परेशानी को रोका जा सकता है।

गर्भावस्था के दौरान गर्भकालीन मधुमेह (जीडीएम) वाले लोगों में अधिक रक्त शर्करा होता है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए खतरा बन सकता है। आमतौर पर गर्भावस्था के बाद जीडीएम समाप्त हो जाता है। लेकिन प्रभावित महिलाओं और उनके बच्चों में टाइप 2 मधुमेह का प्रभाव अधिक होता है।