logo

Shaheedi Diwas Guru Arjan Dev Ji: "तेरा किया मीठा लागे, हरि नाम पदार्थ नानक मांगे", गुरु जी ने सिखाया लोगों को भगवान की आज्ञा मे चलना

History of Shaheedi Diwas Guru Arjan Dev Ji: कल 23 मई मंगलवार को दुनिया भर मे सिक्खों के पांचवे गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी का शहीदी दिवसमनाया जाएगा.
 
guru arjan dev ji

23 May, Shaheedi Diwas Guru Arjan Dev Ji: कल 23 मई मंगलवार को दुनिया भर मे सिक्खों के पांचवे गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी का शहीदी दिवस मनाया जाएगा. इस मौके पर देशभर मे मीठे पानी की छबील लगाई जाती है. गुरु अर्जन देव जी को मुगल बादशाह जहाँगीर ने 1606 मे लाहौर मे शहीद करवा दिया था.

मुग़ल बादशाह जहाँगीर ने उन्हे गर्म तवे पर बैठाकर उनके उपाय गर्म रेट डालने का फरमान सुनाया था. लेकिन श्री गुरु डोलने की बजाए अडोल होकर जलती हुई आग पर रखे हुए तवे पर बैठे रहे और मुख से उच्चारण करते रहे " तेरा किया मीठा लागे, हरि नाम पदार्थ नानक मांगे". भाव: हे प्रभु! जो तू करता है सो सब के लिए अच्छा है, उसी मे भलाई है. नानक केवल हरि नाम ही आपसे मांगता है. बाकी सब व्यर्थ है."

जब गुरु जी के उपाय गर्म रेट डाली गयी तो श्री गुरु जी के शरीर पर छाले पड़ गए. उस वक्त मुस्लिम फकीर साईं मियां मीर जो गुरु घर के प्यारे थे. उन्होने गुरु जी से पूछा : हे गुरु जी, आप सब कुछ कर सकते हो, इतना कुछ होने पर भी आप बिलकुल शांत होकर कैसे बैठे हैं. साईं मिया मीर जी बोले अगर आप कोई चमत्कार नहीं करना चाहते तो क्या मै करूँ. इस पर शांत स्वभाव श्री गुरु अर्जन देव जी ने कहा: "जितने तन पर पड़ेंगे छाले, उतने सिख होंगे सिदक वाले"

guru arjan dev ji

अर्थात: जितने मेरे तन पर छाले पड़ेंगे उतने ही हजारों लाखों सिख सिदक वाले होंगे, अगर गुरु ही प्रभु की आज्ञा मे नहीं चलेंगे, तो शिष्य कैसे चलेंगे. गुरु जी बिना किसी फिकर के प्रभु चरणों से जुड़े रहे. उनकी इस शहादत को अनोखी शहादत कहा जाता है. उनकी इस शहादत को सभी को याद रखना चाहिए. उनकी याद मे शहीदी दिवस मनाया जाता है और मीठे पानी की छबील लगाई जाती है.

Vinayak Chaturthi 2023 कब है विनायक चतुर्थी? कैसे करें इस दिन गणेश पूजा, पूजा विधि विधान, शुभ मुहूर्त, मंत्र आदि

कैसे मिली गुरु दीक्षा?

गुरु अर्जन देव जी का जन्म 1563 मे पंजाब के गोइंदवाल साहिब मे गुरु रामदास जी के घर माता भानी के गर्भ से हुआ. उन्हे गुरु घर की दीक्षा 1581 मे मिली. गुरु अर्जन देव जी ने सभी लोगों को भगवान के साथ जोड़ा. आदि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की लिखवाई भी उन्होने ने ही शुरू कारवाई थी, जिसकी ज़िम्मेदारी उन्होने भाई गुरदास जी को सौंपी. इसके अलावा उन्होने ने ही अमृतसरोवर मे श्री हरमंदिर साहिब (अमृतसर) का निर्माण करवाया और सबसे पहले गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश दरबार साहिब अमृतसर मे करवाया.

guru arjan dev ji

click here to join our whatsapp group