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शुक्रवार के उपाय: जीवन मे आ रहे हैं कष्ट, हर शुक्रवार करें दुर्गा का शक्तिशाली और चमत्कारी पाठ

शुक्रवार का दिन उस देवी शक्ति माँ दुर्गा की पूजा के लिए सबसे अच्छा दिन माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु देवी भगवती मां को प्रसन्न करने के लिए पूजा, उपवास करते हैं।
 
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शुक्रवार के उपाय: सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवता की पूजा उपासना और व्रत के लिए समर्पित होता है, लेकिन शुक्रवार का दिन उस देवी शक्ति माँ दुर्गा की पूजा के लिए सबसे अच्छा दिन माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु देवी भगवती मां को प्रसन्न करने के लिए पूजा, उपवास करते हैं। माना जाता है कि इससे माँ भगवती जगदंबा जीवन के सभी कष्टों को हर लेती है।
हालाँकि, यदि आप अपने जीवन मे भौतिक सुखों की इच्छा रखते हैं, तो प्रत्येक शुक्रवार को नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती का ये शक्तिशाली पाठ न्यास दोहराएं। इस चमत्कारी पाठ (Durga Powerful Mantra) को करने से साधक को सभी सुखों की प्राप्ति होगी और जीवन के दुख मिट जाएंगे। इसलिए हम आज इसे आपके साथ साझा करना चाहते हैं:

॥ सप्तशतीन्यासः ॥ (Durga Saptashati Powerful Mantra in Hindi)

तदनन्तर सप्तशती के विनियोग, न्यास और ध्यान करने चाहिये. न्यास की प्रणाली पूर्ववत् है-

॥ विनियोगः ॥

प्रथममध्यमोत्तरचरित्राणां ब्रह्मविष्णुरुद्रा ऋषयः,श्रीमहाकालीमहालक्ष्मीमहासरस्वत्यो देवताः, गायत्र्युष्णिगनुष्टुभश्‍छन्दांसि, नन्दाशाकम्भरीभीमाः शक्तयः,रक्तदन्तिकादुर्गाभ्रामर्यो बीजानि, अग्निवायुसूर्यास्तत्त्वानि, ऋग्यजुःसामवेदा ध्यानानि, सकलकामनासिद्धये श्रीमहाकालीमहालक्ष्मीमहासरस्वतीदेवताप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः.

ॐ खड्‌गिनी शूलिनी घोरा गदिनी चक्रिणी तथा.
शङ्खिनी चापिनी बाणभुशुण्डीपरिघायुधा॥ ॥

ॐ शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके.
घण्टास्वनेन नः पाहि चापज्यानिःस्वनेन च॥ ॥

ॐ प्राच्यां रक्ष प्रतीच्यां च चण्डिके रक्ष दक्षिणे.
भ्रामणेनात्मशूलस्य उत्तरस्यां तथेश्‍वरि॥ ॥

ॐ सौम्यानि यानि रूपाणि त्रैलोक्ये विचरन्ति ते.
यानि चात्यर्थघोराणि तै रक्षास्मांस्तथा भुवम्॥ ॥

ॐ खड्गशूलगदादीनि यानि चास्त्राणि तेऽम्बिके.
करपल्लवसङ्गीनि तैरस्मान् रक्ष सर्वतः॥

ॐ सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते.
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते॥

ॐ खड्‌गिनी शूलिनी घोरा॰ - हृदयाय नमः. (हृदय को छूएँ)
ॐ शूलेन पाहि नो देवि॰ - शिरसे स्वाहा. (सिर को स्पर्श करें)
ॐ प्राच्यां रक्ष प्रतीच्यां च॰ - शिखायै वषट्. (शिखा को स्पर्श करें)
ॐ सौम्यानि यानि रूपाणि॰ - कवचाय हुम्. (घुटनों का स्पर्श करें)
ॐ खड्गशूलगदादीनि॰ - नेत्रत्रयाय वौषट्. (दोनों आँखों को स्पर्श करें)
ॐ सर्वस्वरूपे सर्वेशे॰ - अस्त्राय फट्. (दोनों कंधों का स्पर्श)

MANGALWAR KE UPAY: अगर आप नहीं होना चाहते कंगाल तो ने करे मंगलवार को यह काम

॥ ध्यानम् ॥

ॐ विद्युद्दामसमप्रभां मृगपतिस्कन्धस्थितां भीषणां
कन्याभिः करवालखेटविलसद्धस्ताभिरासेविताम्.
हस्तैश्‍चक्रगदासिखेटविशिखांश्‍चापं गुणं तर्जनीं
बिभ्राणामनलात्मिकां शशिधरां दुर्गां त्रिनेत्रां भजे॥

(Disclaimer: यहाँ दी गयी जानकारी सामान्य मान्यताओं/ पंचांगों/ ज्योतिषियों/ पौराणिक कथाओं/ ग्रन्थों पर आधारित है। HaryanaUpdate इसकी पुष्टि नहीं करता है)

 

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