Chanakya Niti: यह कुछ कड़वे सच अपना लो तो सफलता चूमेगी आपके चरण, जाने आचार्य चाणक्य ने कौन से ऐसे कड़वे सत्यों को अपनाने के लिए कहा है

Haryana Update: हर इंसान खुशहाल जीवन जीना चाहता है। व्यक्ति के जीवन मे सुख ओर दुख उनके कर्मो का ही परिणाम होते है। आचर्या का कहना है कि सब्र का फल मीठा होता है परंतु कर्म का फल ओर भी मीठा होता है।
चाणक्य नीति में सफलता हासिल करने के कई रास्ते बताए गए हैं लेकिन इंसानों के जीवन का एक ऐसा सच है जिसे अपनाकर इंसान सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ने लगता है। जो इस कड़वे सच को जानकार उसके अनुसार जीवन व्यतीत करते है उनके लिए जहर का घूंट भी अमृत समान हो जाता है। आइए जाने क्या है जीवन का सबसे बड़ा और कड़वा सच
श्लोक
कस्य दोषः कुले नास्ति व्याधिना को न पीडितः।
व्यसनं केन न प्राप्तं कस्य सौख्यं निरन्तरम् ।।
मतलब: हर परिवार मे खामिया होती है। रोगग्रस्त होना भी कोई आश्चर्य की बात नही है। कोई भी इंसान हनेशा सुखी नही रह पाता। दुख हर इंसान के जीवन मे होता है। इन सबका एक ही निचोड़ है कमी हर जगह, हर व्यक्ति में है और यही एक कड़वी सच्चाई भी है।
बदले अपना नज़रिया
चाणक्य ने व्यक्ति को उस उस कड़वी सच्चाई से अवगत कराने की कोशिश की है जिसे वह जितनी जल्दी अपना ले, तकलीफें उतनी कम होती चली जाएंगी. चाणक्य कहते हैं कि हर इंसान मे कमिया होती है, अपने रिश्तों को अगर सुखी बनाना चाहते हो तो इंसान की बुराइयों को स्वीकारकर उसकी अच्छाइयो पर ध्यान दे। और अगर काम मे सफलता पानी है तो लोगो की कमियां नजरंदाज करे बल्कि उसे बेहतर कार्य करने के लिए होंसला दे।
ऐसे लोगो को मिलती है सफलता
आचार्य का कहना है कि जो लोग अपने हालातो को देखकर उसके अनुरूप काम करते है ऐसे लोगो को सदैव अपने काम से संतुष्टि मिलती है। प्रत्येक मनुष्य को सदैव कर्म करते रहना चाहिए। इससे इंसान के जीवन मे रोमांच बना रहता है और एक दिन सफलता उनके कदम जरूर चूमती है। अच्छे कर्म करने वाले लोगो को सभी आदर देते है और उनकी छवि पर अगर कोई दाग लगाने कि भी कोशिश करे तो लोग उन पर विश्वास नही करते।
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