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Dad Son Relations: पिता पुत्र मे रहता है मनमुटाव, तो अपनाएं ये टिप्स, खत्म होगी आपसी बहस

Family Relations Tips:पिता-पुत्र के बीच बढ़ती दूरी के कई कारण हो सकते हैं. अपने पिता या पुत्र से विवादों को कम करने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं, ताकि दोनों के बीच की दूरियां कम हों और उनके बीच का संबंध मजबूत हो सके.
 
father and son
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Father Son Relations Tips: पिता-पुत्र का रिश्ता अत्यंत विशिष्ट है. पिता को बेटे के जन्म के बाद लगता है कि बच्चा उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगा और उसके साथ मिलकर परिवार की जिम्मेदारी उठाएगा.

बच्चा अपने पिता को अपने रोल मॉडल मानता है जब वे छोटे होते हैं. उन्हें उंगली पकड़कर चलना सिखाने से लेकर टू व्हीलर चलाना सिखाने तक की शिक्षा दी जाती है. जब पुत्र युवावस्था की दहलीज पर पहुंचता है, उसके पिता से मनमुटाव होने लगता है. पिता और पुत्र के बीच अंतर आने लगता है. वैचारिक असहमति बढ़ने लगती है.

पिता-पुत्र के बीच बढ़ती दूरी के कई कारण हो सकते हैं. अपने पिता या पुत्र से विवादों को कम करने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं, ताकि दोनों के बीच की दूरियां कम हों और उनके बीच का संबंध मजबूत हो सके.

किस वजह से पिता-पुत्र में मतभेद होता है?

पिता-पुत्र के बीच विवाद की कई वजह हो सकती हैं. जनरेशन गैप इसका पहला कारण है. उनके बीच उम्र का अंतर है.
माता अक्सर शांत होती है और पिता अक्सर कठोर होते हैं. पिता अक्सर अपने बेटे को सही रास्ता दिखाने के लिए सख्ती करते हैं. इसलिए बेटा अपने पिता से नाखुश रहता है और उनके सामने अपने भावों को व्यक्त नहीं कर पाता.

पिता और पुत्र के विचारों में अंतर होना आम है. यद्यपि किसी भी रिश्ते में वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, पिता और पुत्र दोनों ही पुरुष हैं. मेल ईगो ऐसे में उनके रिश्ते को खराब कर सकता है.

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पिता अपने बेटे की जीवन को लेकर अपनी योजनाएं बनाते हैं, लेकिन कई बार वे अपने सपनों को बेटे से पूरा करने की उम्मीद करते हैं. दोनों में उम्मीदों पर खरा न उतरने को लेकर विवाद हो सकता है.

पिता-पुत्र की बहस कैसे सुधारें

इसे समझने की कोशिश करें कि पिता-पुत्र के बीच विवाद का कारण क्या है. एक दूसरे से मनमुटाव की वजह जानकर उसे सुलझा सकते हैं.
यदि किसी विषय पर पिता और पुत्र के बीच मतभेद हो या वे एक दूसरे के विचारों से सहमत नहीं हैं, तो उन्हें विवाद को कम करना चाहिए.

भाषा सबसे बड़ा विवाद है. नाराजगी व्यक्त करने के लिए लोग अक्सर ऐसे शब्द चुनते हैं जो दूसरे को दुखी करते हैं. इसलिए गुस्से में कुछ भी मत बोलो.
यदि पिता और पुत्र अपने रिश्ते को सुधारना चाहते हैं, तो उन्हें एक दूसरे से बातचीत करना बंद नहीं करना चाहिए. जब आपका गुस्सा शांत हो जाए तो शांत मन से बातचीत करें.

Tags: Father-son relationship, role model, generation gap, conflicting thoughts, language, communication, compromise, understanding, emotions, anger management,