Nirav Modi Extradition: भगोड़े नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता हुआ साफ, ब्रिटिश अदालत ने दिये प्रत्यार्पण के आदेश, भगोड़े नीरव की याचिका की खारिज
Nirav Modi Extradition: भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता साफ हो चुका है। ब्रिटेन की हाईकोर्ट के द्वारा उसकी याचिका खारिज कर दी गयी है। इस याचिका में भगोड़े हीरा कारोबारी ने अपने भारत प्रत्यर्पण को रोकने के लिए अपील दायर की थी। उसकी तमाम दलीलों के बाद भी ब्रिटेन की हाईकोर्ट द्वारा उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी मिल चुकी है। अदालत ने उसकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि नीरव का प्रत्यर्पण न करना किसी भी नजरिए से अन्यायपूर्ण या दमनकारी होगा। । गौरतलब है कि पिछले साल फरवरी में वेस्टमिंस्टर जज ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश सुना दिया था। हालांकि बाद में उसे इस फैसले के खिलाफ अपील करने की मंजूरी मिल गई थी।
भारत लंबे समय से नीरव मोदी (Nirav Modi) को भारत लाने की कोशिश करने मे लगा है। लेकिन ब्रिटेन की जेल में बंद नीरव मोदी अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए अलग-अलग दलीलें दे रहा था। ब्रिटेन में उसके वकीलों ने दलील दी थी नीरव डिप्रेशन का शिकार है और वह भारत की जेलों में आत्महत्या भी कर सकता है। ये तर्क देकर उन्होंने नीरव मोदी को भारत भेजने का विरोध किया लेकिन ब्रिटेन की अदालन ने पूरी सुनवाई के बाद उसकी याचिका को खारिज कर दिया।
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इससे पहले मामले में सुनवाई के दौरान भी जस्टिस रॉबर्ट जे ने इस बात पर जोर दिया था कि भारत के ब्रिटेन के साथ अच्छे संबंध हैं। ऐसे में ब्रिटेन को 1992 की भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि का सम्मान करना जरूरी है।
इससे पहले विशेष PMLA कोर्ट द्वारा दिसंबर 2019 में भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के अनुसार नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। जिसके बाद वह लंदन भाग गया था। तीन साल पहले नीरव मोदी को ब्रिटेन की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने 13 मार्च 2019 को लंदन से गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद से वह साउथ वेस्ट लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है।