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चेक बाउंस होने पर किस कारण से होती है जेल, जानिए नियम

अगर आप भी चेक का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत काम की होने वाली है आज हम आपको बताएंगे चेक बाउंस से जुड़े कुछ खास नियम की किस कारण से आपको चेक बाउंस होने पर जेल हो सकती है और इसमें क्या-क्या सजा होती है जानिए डिटेल में
 
चेक बाउंस होने पर किस कारण से होती है जेल, जानिए नियम
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Haryana Update : आजकल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की सुविधा का लाभ हर कोई उठाने लगा है। फिर भी कई लोग Check से पेमेंट करना पसंद करते हैं। यह पैसे के लेनदेन का एक बेहतर तरीका समझा जाता है। Check भरते समय कई बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि किसी भी छोटी सी गलती से Cheque Bounce हो सकता है। 

Cheque Bounce होने पर Penalty तो भरना ही पड़ सकता है, साथ ही गंभीर स्थितियों में मुकदमा भी हो सकता है, जिससे Jail भी हो सकती है। Check यूज करने वाले यहां दी गई बातों को सही से जान लेंगे तो कभी Jail जाने जैसी नौबत नहीं आएगी।

इन कारणों से होता है Cheque Bounce -

आमतौर पर सभी के मन में यह सवाल आता है कि Check में सभी डिटेल भरने के बावजूद कई बार Cheque Bounce क्यों हो जाता है? ऐसे में बता दें कि Cheque Bounce होने के कई कारण हो सकते हैं। अकाउंट में पैसे की कमी, गलत जानकारी भरना, नाम, नंबर या हस्ताक्षर और Check की तारीख गलत भरने से भी Cheque Bounce हो सकता है। 

कभी-कभी ओवरड्राफ्ट लिमिट का पार होना या Check पर जरूरी मुहर का न होना भी समस्या पैदा करता है। इसके अलावा, अकाउंट बंद होना, गलत तरीके से लिखी गई जानकारी या फर्जी Check की संभावना के कारण भी Cheque Bounce हो सकता है। 


Cheque Bounce होने का परिणाम -

अगर किसी का Cheque Bounce हो जाता है तो बैंक उस पर Penalty लगा सकता है। यह Penalty 150 रुपए से लेकर 800 रुपए तक हो सकता है। Cheque Bounce को एक अपराध माना जाता है और इसके लिए कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। 

Cheque Bounce नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, 1881 के अनुसार Cheque Bounce होने  की स्थिति में भुगतान कर्ता पर मुकदमा दर्ज हो सकता है। ऐसे में 2 साल तक Jail या Check में भरी राशि का दोगुना Penalty या Penalty और Jail दोनों की कार्रवाई हो सकती है। ऐसा  तभी  होता है जब Check देने वाले के खाते में उतने पैसे न हों या Check डिसऑनर हो जाए।

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बैंक देता है यह जरूरी सूचना -

जब कोई व्यक्ति Check से भुगतान करता है और वह Cheque Bounce हो जाता है, तो सबसे पहले बैंक लेनदार को एक सूचना देता है, जिसमें बताया जाता है कि Check क्यों बाउंस हुआ है। इसके बाद, लेनदार को 30 दिन के भीतर उस व्यक्ति को एक आधिकारिक नोटिस भेजना होता है। 

अगर इस नोटिस के 15 दिनों के अंदर जवाब नहीं मिलता, तो लेनदार को कानून के अनुसार अदालत में शिकायत दर्ज करने का अधिकार होता है।

इस स्थिति में हो सकती है जेल-

लेनदार की ओर से भुगतानकर्ता को आधिकारिक नोटिस भेजे जाने के बावजूद भुगतान नहीं मिलता, तो यह मामला अदालत में जा सकता है और देनदार यानी  भुगतानकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। Cheque Bounce के बाद बार-बार नोटिस की अनदेखी करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है, 

जो नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, 1881 कानून के तहत तय किया जाता है। इस स्थिति में Jail भी जाना पड़ सकता है। यह प्रक्रिया इस उद्देश्य से बनाई गई है ताकि Banks और लेनदारों के बीच वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।