Breaking News: डेरा मुखी राम रहीम की पैरोल के खिलाफ दायर याचिका खारिज
हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता ने चीफ सेक्रेटरी को मांग पत्र दिया है. सरकार उस पर गौर करे और उचित कार्रवाई करे.
याचिका में लगाए थे नियमों के पालन न करने का आरोप
याचिका में कहा गया था कि नियमों के अनुसार पैरोल पाने वाला व्यक्ति जहां रुकता है, वहां के जिलाधिकारी से राय ली जाती है, लेकिन राम रहीम के मामले में इस नियम की अनदेखी की गई. याचिका में कहा गया है कि राम रहीम पंजाब को सीधे-सीधे प्रभावित करता है राम रहीम की पैरोल से शांति भंग होने का खतरा है.
ऑनलाइन सत्संग की वजह से पंजाब में माहौल बिगड़ सकता है. राम रहीम को लेकर पंजाब के बठिंडा में प्रदर्शन भी हो चुका है. इसलिए पैरोल देने से पहले हरियाणा सरकार को पंजाब सरकार की राय जरूर लेनी चाहिए थी.
सत्संग पर भी सवाल उठाए थे
याचिका में कहा गया था कि पैरोल मिलने के दौरान कुछ शर्तें रखी जाती हैं. लोकल पुलिस को पैरोल पाने वाले पर नजर रखने की हिदायत दी जाती है. मोबाइल व अन्य संचार के माध्यम के प्रयोग पर भी रोक की शर्त रखी जाती है.
राम रहीम के मामले में ऐसा नहीं है. वह इंटरनेट पर गाने गा रहा है. इन नियमों का हवाला देते हुए याचिका में पैरोल रद करने की मांग की गई है.
पैरोल ऑर्डर में नहीं ऐसी रोक
डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख राम रहीम के पैरोल ऑर्डर पर रोहतक के डिवीजनल कमिश्नर ने 8 शर्तें लगाई. हालांकि इनमें राम रहीम के ऑनलाइन सत्संग पर रोक का कोई जिक्र नहीं है. राम रहीम के गाना रिलीज करने पर भी पाबंदी के बारे में कुछ नहीं कहा गया है.
हरियाणा में 'गुमनाम चिट्ठी' की कहानी:20 साल पहले राम रहीम का साम्राज्य तबाह किया
एक गुमनाम चिट्ठी ने 20 साल पहले डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम का साम्राज्य तबाह कर दिया था. यह वो समय था जब वोट बैंक के लिए उस समय के बड़े-बड़े राजनेता डेरा सच्चा सौदा में सिर झुकाने पहुंचते थे.