8th pay commission: 8वें वेतन आयोग को लेकर संसद मे सवाल जवाब, सरकार को मिले ये सुझाव, 5 साल मे पेंशन वृद्धि

8वें वेतन आयोग को लेकर सरकारी केंद्र के कर्मचारी खुश हो रहे हैं। अब केंद्रीय कर्मचारियों की मांगों को सांसदों का समर्थन मिलता दिख रहा है। मानसून संसद सत्र के पहले दिन ही जब 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर सवाल पूछा गया तो क्या कहा गया आइए जानते हैं।
 

8th Pay Commission latest update: 8वें वेतन आयोग के लिए जेसीएम की तरफ से सिफारिशों का एक पिटारा सरकार को सौंपा गया है। इसमें 5 वर्ष में पेंशन वृद्धि (pension hike) और डॉ. एक्रोयड फार्मूले में बदलाव, ऐसे कई अहम सुझाव दिए गए हैं। रेल और रक्षा उद्योग के कर्मियों के हितों के लिए विशेष सुझावों की प्रति सरकार को दी गई है।  

राज्यसभा सांसद भुबनेश्वर काल्निता ने पूछा- क्या सरकार इन सुझावों पर विचार कर रही है। क्या सरकार, आयोग में सभी हितधारकों को शामिल करने की योजना बना रही है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है। यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इन सवालों के जवाब में बताया कि हितधारक परामर्श के भाग के रूप में संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र की राष्ट्रीय परिषद (एनसी-जेसीएम) से कई सुझाव प्राप्त हुए हैं। आठवें वेतन आयोग को लेकर रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और राज्यों सहित प्रमुख हितधारकों से इनपुट मांगे गए हैं।

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के माध्यम से सचिव स्टाफ साइड एनसी (जेसीएम) द्वारा अग्रेषित 8वें केन्द्रीय वेतन आयोग के लिए जो सुझाव प्राप्त हुए हैं, उनमें कई श्रेणियों के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और अन्य लाभों/सुविधाओं, पेंशन/ग्रेच्युटी व अन्य सेवोपरांत लाभों आदि की मौजूदा संरचना की जांच करना, शामिल है।  

-केंद्र सरकार के औद्योगिक और गैर-औद्योगिक कर्मचारी 
-अखिल भारतीय सेवाओं से संबंधित कार्मिक 
-रक्षा बलों और अर्धसैनिक बलों से संबंधित कार्मिक 
-डाक विभाग से संबंधित ग्रामीण डाक सेवक कहलाने वाले कार्मिक 
-केंद्र शासित प्रदेशों के कार्मिक 
-भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी 
-उच्चतम न्यायालय के अधिकारी और कर्मचारी 
-संसद अधिनियम के तहत स्थापित विनियामक निकायों (आरबीआई को छोड़कर) के सदस्य
-केंद्र सरकार के स्वायत्त निकायों और संस्थानों के कर्मचारी

एक जनवरी 2026 तक केंद्र सरकार के कर्मचारियों की श्रेणियों के लिए संशोधित वेतनमान पर विचार करना, यह जेसीएम के मांग पत्र का सार है। 8वां वेतन आयोग, विकास और जीवन की आवश्यकताओं, जिसमें पिछले 65 वर्षों में काफी परिवर्तन हुआ है। एक जनवरी 2026 तक न्यूनतम वेतन निर्धारित करने के संबंध में उच्चतम न्यायालय के विभिन्न निर्णयों पर विचार करने के लिए डॉ. एक्रोयड फार्मूला में संशोधन करते हुए 15 वें भारतीय श्रम सम्मेलन (1957) की सिफारिश के संदर्भ में 'उचित और सम्मानजनक जीवनयापन वेतन' के रूप में न्यूनतम वेतन प्रदान करने को ध्यान में रखते हुए वेतन संरचना तैयार करना। 

कर्मियों के हित लाभ, सुविधाएं, सेवानिवृत्ति लाभ, कल्याणकारी मामलों आदि का निर्धारण करना। आयोग, वर्ष 2019 में राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी नीति निर्धारित करने के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के अनुसार खपत इकाइयों को 03 परिवार इकाइयों से बढ़ाकर 3.6 परिवार इकाइयों तक करने पर भी विचार करे। 8वें केन्द्रीय वेतन आयोग द्वारा अव्यवहार्य वेतनमानों जैसे लेवल-1 का लेवल-2 के साथ और लेवल-3 का लेवल-4 के साथ तथा लेवल-5 का लेवल-6 के साथ विलय करने पर विचार किया जाना चाहिए। एमएसीपी योजना में मौजूदा विसंगतियों पर विचार करना और सुस्पष्ट पदानुक्रमिक संरचना के साथ सेवा में न्यूनतम 3 पदोन्नतियों तथा पदोन्नति पदानुक्रम में एमएसीपी की सिफारिश करना।

केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को तत्काल स्वीकृत की जाने वाली अंतरिम राहत निर्धारित करना।
वेतन और पेंशन में तत्काल विलय किए जाने वाले महंगाई भत्ते/महंगाई राहत का प्रतिशत निर्धारित के करना। विसंगति समिति की बैठकों और संयुक्त परामर्शदात्री प्रणाली (जेसीएम) की बैठकों में कर्मचारी पक्ष द्वारा उठाई गई 7वें वेतन आयोग की विभिन्न विसंगतियों का समाधान करना। पेंशन, मृत्यु सह सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी, पारिवारिक पेंशन, 12 वर्षों के उपरांत पेंशन के परिवर्तित हिस्से की बहाली, प्रत्येक 5 वर्षों के पश्चात पेंशन में वृद्धि के लिए संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों का कार्यान्वयन करना।

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पूर्व एवं भावी पेंशनभोगियों के बीच समानता जैसे मौजूदा सेवानिवृत्ति लाभों में आवश्यक सुधारों पर कार्य करना। दिनांक 1/1/2004 या उसके उपरांत भर्ती किए गए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए सीसीएस (पेंशन नियम) 1972 (अब 2021) के अंतर्गत परिभाषित और गैर-अंशदायी पेंशन योजना की समीक्षा करना और उसे बहाल करना।

सीजीएचएस से संबंधित मामले एफएमए पर संसदीय स्थायी समिति की अनुशंसाओं की सिफारिश करना तथा डाक पेंशनभोगियों सहित कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को कैशलेस/परेशानी मुक्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने की कार्यविधि की सिफारिश करना। स्नातकोत्तर स्तर तक बाल शिक्षा भत्ता और छात्रावास सब्सिडी की समीक्षा करमा और उसकी सिफारिश करना।

वर्तमान परिस्थितियों में ऐसे आवश्यक अग्रिमों की समीक्षा करना और उन्हें शुरू करने की सिफारिश करना तथा साथ ही समाप्त किए गए अग्रिमों को बहाल करना। 365 दिनों में चौबीसों घंटे काम करने वाले रेलवे कर्मचारियों की इयूटी की प्रकृति में शामिल जोखिम और कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रेल में सभी श्रेणियों के रेल कर्मचारियों को जोखिम और कठिनाई भत्ते के भुगतान पर विचार करना। हथियारों, गोलाबारूद, रसायनों, विस्फोटकों और एसिड इत्यादि के उत्पादन और भंडारण में शामिल अत्यधिक चिरकालिक, जोखिमपूर्ण और खतरनाक कार्य परिस्थितियों पर विचार करना तथा विशेष जोखिम भत्ता, बीमा सुरक्षा, क्षतिपूर्ति आदि की सिफारिश करना।