OPS Scheme : 2024 में पुरानी पेंशन योजना को लेकर जानिए सरकार का प्लान 

NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि NPS एक डस्टबीन है। डस्टबीन में करोड़ों कर्मचारियों और सरकार का दस प्रतिशत पैसा जा रहा है। यह अनुचित होगा। पुरानी पेंशन के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। युवा कर्मचारियों को भाग लेना होगा..।

 

Haryana Update : देश भर में सरकारी कर्मचारियों का आंदोलन बढ़ता जा रहा है, जो पुरानी पेंशनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय और राज्य कर्मचारी संघों ने अपने-अपने तरीके से ओपीएस लागू करने का विरोध किया है। सरकार को चेताने के लिए कर्मचारियों ने आठ जनवरी से 11 जनवरी तक 'रिले हंगर स्ट्राइक' की है। नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के संयोजक शिव गोपाल मिश्रा ने फरवरी तक सरकार की कार्रवाई की प्रतीक्षा की है। देश भर में इसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी। बसों और ट्रेनों का संचालन बंद हो जाएगा। सरकारी कार्यालयों में लेखन कार्य नहीं होगा। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि केंद्र सरकार एनपीएस को बदलने जा रही है। संशोधन की मांग नहीं कर रहे हैं। यदि सरकार के संशोधन प्रस्ताव पर कोई कर्मचारी नेता या संगठन सहमत होता है, तो 2004 में हुई गलतियां 2024 में भी दोहराई जाएंगी।

क्या बुढ़ापे में कर्मचारियों की आवश्यकताएँ पूरी होती हैं?

NMPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि NPS एक डस्टबीन है। डस्टबीन में करोड़ों कर्मचारियों और सरकार का दस प्रतिशत पैसा जा रहा है। यह अनुचित होगा। पुरानी पेंशन के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। युवा कर्मचारियों को आगे बढ़ना होगा। बंधु ने कहा कि सभी कर्मचारी उन लोगों के पास जाएं, जो एनपीएस में सेवानिवृत्त हुए हैं, बुढ़ापे की लाठी, यानी 'ओपीएस'। उनसे पता करें कि वे कितनी पेंशन पा रहे हैं। बुढ़ापे में उनकी आवश्यकताएँ पूरी होती हैं? दूसरी ओर, शिवगोपाल मिश्रा ने 'रिले हंगर स्ट्राइक' में कहा कि अगर केंद्र सरकार फरवरी तक ओपीएस को फिर से शुरू नहीं करेगी, तो देश में अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी। इस बीच, वित्त मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि वित्त मंत्रालय की कमेटी इस महीने के आखिर तक अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है। कर्मचारी संगठनों के नेताओं का कहना है कि उन्हें इस रिपोर्ट से कोई आशा नहीं है। इसलिए ये कमेटी एनपीएस को बेहतर बनाने के लिए बनाई गई हैं। सरकार ने ओपीएस को फिर से शुरू करने का वादा तक नहीं किया।

केवल गारंटीकृत और परिभाषित ओपीएस मंजूर

केंद्रीय सरकार एनपीएस में ही ओपीएस जैसे कुछ प्रावधानों को शामिल कर सकती है, कर्मियों ने कहा। जैसे, एनपीएस में रिटायरमेंट पर मिली बेसिक सेलरी का ४० से ४५ प्रतिशत बतौर पेंशन देने पर विचार हो रहा है। ऐसे किसी भी प्रस्ताव को नहीं माना जाएगा। ये सिर्फ "ओपीएस" से ध्यान भटकाने की कोशिश है। सरकारी कर्मचारियों को बिना गारंटी वाली 'एनपीएस' योजना को खत्म करने और परिभाषित और गारंटी वाली 'पुरानी पेंशन योजना' को फिर से शुरू करने से कम कुछ भी नहीं मिलेगा। अगर सरकार एनपीएस को पुरानी पेंशन की तर्ज पर लाभ देना चाहती है, तो ओपीएस ही लागू करना चाहिए। एनपीएस में कर्मचारियों का 10% हिस्सा कटता है। कोई नहीं बताता कि रिटायरमेंट पर क्या ब्याज मिलता है। डीए बढ़ोतरी का इस राशि पर कोई असर होता है? एनपीएस में डीए और पे रिवाइज का कोई लाभ नहीं है। NPS भी नए वेतन आयोग से प्रभावित नहीं होगा। ऐसे में NPs के तहत अंतिम सेलरी कभी नहीं बदलेगी।

Budget 2024 : वित्त मंत्री 2024 में करेगी 5 बड़े ऐलान, जिसे सुनकर झूम उठोगे आप

पेंशन एक वरदान नहीं है।

भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ (मुख्य न्यायाधीश बीडी चंद्रचूड, जस्टिस बीडी तुलजापुरकर, जस्टिस ओ. चिन्नप्पा रेड्डी एवं जस्टिस बहारुल इस्लाम) द्वारा 17 दिसंबर 1981 को दिए गए रिट पिटीशन संख्या 5939 से 5941, डीएस नाकरा एवं अन्य बनाम भारत गणराज्य में दिए गए प्रसिद्ध निर्णय का उल्लेख करना आवश्यक है. संविधान के अनुच्छेद इसके पैरा 31 में बताया गया है कि चर्चा से तीन बातें निकलती हैं। एक, पेंशन न तो एक पुरस्कार है न ही नियोक्ता की इच्छा पर निर्भर है। 1972 के नियमों, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के खंड '50' के माध्यम से अधिनियमित करते हैं, इसलिए यह वैधानिक निहित अधिकार है। पेंशन पूर्व सेवा का भुगतान है, नहीं अनुग्रह राशि। यह एक सामाजिक कल्याणकारी उपाय है जो उन लोगों के लिए सामाजिक और आर्थिक न्याय प्रदान करता है जो अपने जीवन के अंतिम वर्षों में अपने नियोक्ता के इस वादा पर लगातार कड़ी मेहनत की है कि उन्हें बुढ़ापे में ठोकरें खाने के लिए नहीं छोड़ दिया जाएगा।

NPS रिटायर्ड कर्मचारियों को इतनी पेंशन मिली

NPS कर्मचारियों को बुढ़ावा पेंशन मिलती है। NPS स्कीम में शामिल कर्मचारियों को 18 साल बाद रिटायर होने पर क्या मिल गया? NPS में एक कर्मी को 2417 रुपये मासिक पेंशन मिली है, दूसरे को 2506 रुपये और तीसरे को 4900 रुपये मासिक पेंशन मिली है। अगर यही कर्मचारी पूर्ववर्ती पेंशन व्यवस्था में होते तो उन्हें प्रतिमाह 15250, 17150 और 28450 रुपये मिलते। NPS कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर छोटी सी पेंशन मिलती है, लेकिन वे हर महीने अपने वेतन का दस फीसदी देते हैं। इस शेयर को चौबीस या चौबीस प्रतिशत तक बढ़ाने का कोई लाभ नहीं होगा। NPS में महंगाई राहत का भी कोई प्रावधान नहीं है, आईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार ने बताया। पुरानी पेंशन व्यवस्था में काम करने वाले कर्मचारियों को महंगाई राहत मिलती है। एनपीएस में सामाजिक सुरक्षा भी नहीं थी।