Haryana: सरकार ने पलटा फैसला, खिलाड़ियों को स्टेडियम मे अभ्यास के लिए नहीं देनी होगी कोई फीस
Haryana: Government reversed decision, players will not have to pay any fees for practice in the stadium
हरियाणा में अब खिलाड़ियों को स्टेडियम में जाने के लिए फीस नहीं देनी पड़ेगी. खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह ने इसकी घोषणा की. अब खिलाड़ी स्टेडियम में नि:शुल्क खेलों की तैयारी कर सकेंगे. गुरुवार को ही सरकार ने इसके लिए खिलाड़ियों को प्रति माह 100 रुपये देकर अपना पंजीकरण कराने की बात कही थी.
सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध शुरू हो गया था. अब सरकार ने फैसला किया है कि हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन के तहत आने वाली खेल एसोसिएशन या फेडरेशन को भी खेल आयोजित करने के लिए कोई फीस नहीं देनी पड़ेगी. केवल निजी संस्था को खेल स्टेडियम का प्रयोग करने के लिए निर्धारित फीस देनी होगी.
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कांग्रेस और इनेलो ने किया था विरोध
इससे पहले खेल विभाग की ओर से कहा गया था कि अब हरियाणा के खेल स्टेडियमों में बाहरी व्यक्तियों को सैर करने के लिए एक हजार रुपये फीस देनी होगी. साथ ही खिलाड़ियों को भी प्रति माह के लिए 100 रुपये देकर अपना पंजीकरण कराना होगा. इसके बाद इस फैसले का चौतरफा विरोध शुरू हो गया था. कांग्रेस और इनेलो ने खिलाड़ियों, आम लोगों के लिए शुल्क तय करने का कड़ा विरोध किया था. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा और इनेलो विधायक अभय चौटाला ने कहा था कि इससे खिलाड़ियों व लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में हरियाणा को खेलों का हब बनाया था. गांव-गांव और शहर-शहर में खेल स्टेडियम बनाए थे, लेकिन भाजपा सरकार ने सब भगवान भरोसे छोड़ दिया. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब सरकार स्टेडियमों को वसूली का अड्डा बनाने जा रही है. खेल परिसरों में बड़ी तादाद में युवा खेलने, प्रतियोगिताओं के अलावा सेना व पुलिस भर्ती की तैयारी करने आते हैं. आम आदमी वर्जिश कर स्वास्थ्य लाभ लेने जाता है. यह कोई पब, क्लब, बार या डिस्को नहीं है, जहां सरकार कर लगाना चाहती है.
सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार हर स्तर पर जनता को लूटने में लगी है. सरकार अपने इस तुगलकी आदेश को फौरन वापस ले. खिलाड़ियों को हर माह सौ रुपये व घूमने आने वाले लोगों को एक हजार रुपये शुल्क देना होगा. प्रदेश के राज्य स्तरीय, सभी जिला स्तरीय और उपमंडल स्तरीय खेल स्टेडियमों में यह नियम लागू कर दिए गए हैं. खेल एसोसिएशन के लिए भी स्टेडियम में आयोजन करवाने के लिए फीस निर्धारित की गई है. महंगाई की चक्की में पिस रही जनता पर यह सरकार का एक और प्रहार है.
अभय चौटाला ने स्टेडियम में प्रवेश शुल्क को जजिया कर करार दिया है. उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार नहीं चाहती, खेलों में हरियाणा का वर्चस्व बरकरार रहे. सरकार के इस फैसले से यह साबित हो गया है कि वह खिलाड़ियों की संरक्षक नहीं, बल्कि विरोधी है. इनेलो इसका पुरजोर विरोध करती है. सरकार से मांग है कि तुरंत फैसले को वापिस ले.