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Garuda Purana: मृत व्यक्ति के कपड़े क्यों नहीं पहनने चाहिए ?

Internet News: "मृत्य" जो कि जीवन का सबसे बड़ा सच है। जिसे कोई भी टाल नहीं सकता। जो मृत्युलोक में आया है।

 
Garuda Purana: मृत व्यक्ति के कपड़े क्यों नहीं पहनने चाहिए ? 

Haryana Update: उसे एक न एक दिन शरीर छोड़कर परमात्मा की शरण में जाना ही है। लेकिन फिर भी मनुष्य इस संसार में आकर भौतिक सुविधाओं के मोह में पड़ जाता है। और मृत्यु के बाद भी उसका इन वस्तुओं के प्रति लगाव नहीं जाता है।

 

 

 

 

कभी-कभी उसका अपनी चीजों के प्रति इतना ज्यादा मोह होता है कि वो मृत्यु के बाद भी पृथ्वी पर भ्रमण करता रहता है। कई बार लोग अपने मृत परिजन की वस्तुओं का उपयोग करने लगते हैं। लेकिन बता दें कि गरुड़ पुराण के अनुसार मृत व्यक्ति की कुछ ऐसी 3 चीजें हैं जिनका भूलकर भी मनुष्य को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। तो आइए इस वीडियो के माध्यम से जानते हैं कौन सी हैं वो 3 वस्तुएं।

मृत व्यक्ति के कपड़े (dead man's clothes)
गरुड़ पुराण के अनुसार किसी भी व्यक्ति को मृत व्यक्ति के वस्त्रों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। भूलकर भी अपने शरीर पर इन्हें धारण नहीं करना चाहिए। अगर आप मरे हुए व्यक्ति के कपड़े पहनते हैं तो उसकी आत्मा आपके शरीर के साथ जुड़ जाती है। और मृत व्यक्ति की यादें आपको सताने लगती है। जो व्यक्ति मरे हुए व्यक्ति के कपड़ों का इस्तेमाल करता है उसे वो आत्मा शारीरिक व मानसिक कष्ट देने लगती है। इन कपड़ों से व्यक्ति के मन व तन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है।

उस व्यक्ति को बार बार अपने मृत परिजन के ऊर्जा का आभास होने लगता है। तो इसी कारण से गरुड़ पुराण में कहा गया है कि मृतक व्यक्ति के कपड़ों का भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। लेकिन आप मृत व्यक्ति के कपड़ों को याद के तौर पर अपने पास रख सकते हैं। या फिर आप उनके वस्त्रों को नदी में प्रवाहित कर सकते हैं।

मृत व्यक्ति के गहने (dead person jewelry)
मृतक व्यक्ति की आत्मा का आभूषण के प्रति लगाव अपने कपड़ों से ज्यादा होता है। तो ऐसे में गरुड़ पुराण में कहा गया है कि किसी भी मनुष्य को अपने मृत परिजन और मृत स्त्री के आभूषणों का कभी भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। स्त्रियों का उनके आभूषणों और गहनों से बहुत अधिक लगाव होता है। मृत्यु के बाद भी उनका इन वस्तुओं के प्रति लगाव कम नहीं होता।

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 गरुड़ पुराण के मुताबिक जो भी व्यक्ति उनकी मृत्यु के पश्चात उनके गहनों को पहनता है या फिर आभूषणों का उपयोग करता है तो ऐसे में उस मृत परिजन की ऊर्जा उस व्यक्ति के साथ जुड़ जाती है। जिस कारण से उसे शारीरिक व मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए मृतक व्यक्ति के गहनों को पहनना नहीं चाहिए। लेकिन आप इन गहनों को घर में संभाल कर रख सकते हैं या फिर इन गहनों को नए तरीके से बनवाकर पहन सकते हैं।

लेकिन उसी अवस्था में ही इन गहनों को नहीं पहनना चाहिए। अगर मृत व्यक्ति के मरने से पहले आपको अपने गहने भेंट में दिए है तो आप इन्हें पहन सकते हैं। लेकिन अगर मृत परिजन ने गहनों को संभाल कर रखा हुआ था। जिससे उनका बहुत अधिक लगाव था तो इसे भूलकर भी पहनने की गलती न करें।

मृत व्यक्ति की घड़ी की
कपड़ों और गहनों की तरह ही घड़ी को भी मृत व्यक्ति के ऊर्जा का स्रोत माना गया है। घड़ी व्यक्ति के साथ जीवन भर जुड़ी रहती है। और उसके समय का निर्धारण करती है। और व्यक्ति के अच्छे और बुरे समय का लेखा जोखा रखती है।


 

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इसलिए व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी घड़ी में उसकी सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा बसी हुई होती है। जो भी व्यक्ति मृत व्यक्ति की घड़ी को पहनता है उस पर इन ऊर्जा का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। और वो मृत परिजन व्यक्ति के सपनों में बार बार आकर उसे कष्ट देते हैं। अतः आप भी मरे हुए व्यक्ति की घड़ी का भूलकर भी इस्तेमाल न करें।

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