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श्री राम ने दिया था किन्नरों को वरदान, बेहद असरदार होती है इनकी दुआ-बद्दुआ

Internet Desk: आखिर क्यों किन्नरों की दुआओं और बद्दुआओं में इतना असर होता है और क्यों कहा जाता है कभी किन्नरों की बद्दुआ के हकदार नहीं बनना चाहिए।
 
श्री राम ने दिया था किन्नरों को वरदान, बेहद असरदार होती है इनकी दुआ-बद्दुआ

Haryana Update: किन्नर... जिनको मांगलिक कार्यों में बुलाकर आशीर्वाद लिया था। मान्यता है कि किन्नर जिसको भी प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देते हैं। उसका मंगल हो जाता है। उसे जीवन में किसी चीज की कमी नहीं रहती। तो वही कहते हैं कि किन्नरों की बद्दुआ भूलकर भी नहीं लेनी चाहिए लेकिन ऐसा क्यों। आज हम आपको इसी बारे में जानकारी देने जा रहे हैं कि आखिर क्यों किन्नरों की दुआओं और बद्दुआओं में इतना असर होता है और क्यों कहा जाता है कभी किन्नरों की बद्दुआ के हकदार नहीं बनना चाहिए।

 

 

इनकी दुआओं की शक्ति के पीछे प्रभु श्री राम का आशीर्वाद माना जाता है। ये कथा प्रभु श्री राम के वनवास से जुड़ी है। मान्यता है कि जब श्री राम के वनवास की खबर अयोध्या में फैल गई तो पूरे अयोध्या में शोक की लहर दौड़ गई। क्योंकि पूरे अयोध्या वासी प्रभु श्री राम को अत्यधिक प्रेम करते थे और जब श्री राम जी चित्रकूट पहुंचे तो भरत उन्हें मनाने के लिए वहां पहुंच गए उनके साथ अयोध्या वासी भी थे जिनमें किन्नर भी शामिल थे।

राम जी ने अयोध्या वासी के नारी नारियों व भरत प्रेमपूर्वक समझा कर वापिस जाने का निवेदन किया परंतु किन्नर जो कि न पुरुष और न ही नारी उनके लिए कुछ नहीं कहा ऐसे में अपने लिए कोई स्पष्ट आदेश न होने पर किन्नरों ने 14 वर्षों तक भगवान श्री राम की प्रतीक्षा करने की ठान ली। फिर जब प्रभु श्री राम बनवास पूरा करके अयोध्या वापिस लौट रहे थे तो उन्हें रास्ते में किन्नर दिखाई दें तब श्री राम जी ने उनके यहां रुकने का कारण पूछा तब किन्नरों ने बताया कि जब हम भरत के साथ आपको मनाने आए थे तब आपने कहा था।

जथा जोगु करि विनय प्रनामा
बिदा किए सब सानुज रामा
नारि पुरुष लघु मध्य बड़ेरे
सब सनमानि कृपा निधि फेरे

जिसका अर्थ हुआ जब लक्ष्मण व माता सीता सहित श्री राम अयोध्या छोड़ रहे थे तब उन्होंने विनय व प्रणाम करके छोटे, मध्य व बड़े, सभी श्रेणी के स्त्री और पुरुषों को सम्मान के साथ लौटा दिया था। तो उन्होंने कहा कि आपने नर और नारी को तो आदेश दे दिया था लेकिन हम नर और नारी किसी में नहीं आते आपने हमारे लिए कुछ नहीं कहा। इसलिए हम लोग तब से आपका इंतजार कर रहे है।

किन्नरों के इस भव को देखकर प्रभु श्री राम भावुक हो उठे और उन्होनें किन्नरों को गले लगा लिया। मान्यता है कि तब श्री राम जी ने इन्हें वरदान दिया था कि जब भी तुम किसी को अपना आशीर्वाद या दुआ दोगे उनका कभी अनिष्ठ नहीं होगा और तुम्हारी दुआएं सबके लिए मंगलकारी सिद्ध होगी। तब से बच्चे के जन्म और विवाह आदि मांगलिक कार्यों में वे लोगों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

क्यों नहीं लेनी चाहिए किन्नरों की बद्दुआ-
तो वही दूसरी तरफ ऐसा भी मान्यता है कि अगर किन्नरों ने किसी को बद्दुआ दे दी तो उसे जीवन में तमाम तरह की विपत्ति का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर आर्थिक मामले में इनकी बद्दुआ को गंभीर माना गया है। इसलिए भूलकर भी किन्नरों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। कहते हैं कि यदि आप किन्नरों को खुश न कर सकें तो कभी उन्हें नाराज न करें।

शास्त्रों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किन्नरों का अपमान करता है या उनका मजाक उड़ाता है तो उसे अगले जन्म में किन्नर बनना पड़ता है और ऐसा ही अपमान सहना पड़ता है। यदि आपके घर या दुकान में किन्नर आए तो उसे अपनी क्षमता के हिसाब से दान करने के बाद बोले फिर आइएगा। कहते हैं कि इनसे एक सिक्का लेकर अपने पर्स में रखने से हमेशा पैसों की बरकत बनी रहती है।

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