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B. Ed की अब नहीं पड़ेगी जरूरत, शिक्षण योग्यता के क्षेत्र मे किए गए बड़े बदलाव, जानिए लेटैस्ट अपडेट

Haryana Update: नई शिक्षा नीति, जिसे राज्य सरकार ने लागू किया है, ने प्राथमिक से हाई स्कूल तक शिक्षकों को भर्ती करने के लिए कम से कम प्रशिक्षण की आवश्यकता को बदल दिया है.

 
B.Ed की अब नहीं है आवश्यकता, शिक्षण योग्यता के क्षेत्र में हुए महत्वपूर्ण परिवर्तन, जानें लेटेस्ट अपडेट
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नई शिक्षा नीति, जिसे राज्य सरकार ने लागू किया है, ने प्राथमिक से हाई स्कूल तक शिक्षकों को भर्ती करने के लिए कम से कम प्रशिक्षण की आवश्यकता को बदल दिया है.

क्या भारत के सभी सरकारी स्कूलों में B.Ed. है? यहां नई शिक्षा नीति, चाहे राज्य सरकार हो या सरकार, प्राथमिक से हाई स्कूल तक न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करती है. शिक्षक बनने से मेरा अकादमिक प्रदर्शन बदल गया है. शिक्षक बनना एक नया पाठ्यक्रम शुरू करना होगा. अब हम इस कोर्स के बारे में अधिक जानकारी देंगे.

भारत में न्यूनतम शिक्षक आवश्यकताओं पर महत्वपूर्ण समाचार
नई शिक्षा नीति की सिफारिशों पर चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम शुरू होगा, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेश सिंह ने घोषणा की. 2030 से सभी स्कूलों में पढ़ाने के लिए न्यूनतम योग्यता नई शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों में निर्धारित की जाएगी.

 

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आप इस कार्यक्रम में चार वर्षों का बीएड या आईटीईपी (शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम) पूरा करेंगे. इसमें विश्वविद्यालयों से स्नातक हैं. यहां 41 विश्वविद्यालयों ने पहली पायलट योजना शुरू की है, इस बैठक के बारे में आपकी जानकारी के लिए. इस पाठ्यक्रम की संरचना चार स्तरों में विभाजित है. यहाँ कौन सा शिक्षक 5+3+3+4 तैयार है?


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इस डिग्री प्रोग्राम में आधुनिक शिक्षा का प्रावधान शामिल है. अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान, भारत और इसके कलात्मक मूल्यों और परंपराओं की समझ में एक व्यापक शिक्षा की नींव रखता है, जो अन्य विषयों पर भी आधारित है.

 

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यह पाठ्यक्रम भारत भर में चलाया गया है और शिक्षा क्षेत्र को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है, और यह चलाया जाना जारी रहेगा.