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Business News: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार फिर घटा, 6 अरब डॉलर की आई गिरावट

Indian Foreign Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार की गिरावट के साथ ही देश का स्वर्ण भंडार (Gold Reserve) भी 1.227 अरब डॉलर कम होकर 45.127 अरब डॉलर पर आ गया।
 
indian foreign reserve

Haryana Update, business desk: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign exchange reserves) पिछले हफ्ते 19 मई 2023 को  6.052 अरब डॉलर घटकर 593.47 अरब डॉलर पर आ गया। इससे पहले लगातार दो हफ्ते तक भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ोतरी के साथ करीब 600 अरब डॉलर के पास आ गया।

अक्तूबर, 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के ऐतिहासिक स्तर पर पहुँच चुका था। भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इंडियन फोरेक्स एक्स्चेंज रिजर्व में प्रमुख हिस्सेदारी वाली विदेशी मुद्रा संपत्ति पिछले हफ्ते सप्ताह में 4.654 अरब डॉलर घटकर 524.945 अरब डॉलर रह गई। देश का स्वर्ण भंडार (Gold Reserve) भी 1.227 अरब डॉलर कम होकर 45.127 अरब डॉलर पर आ गया। इस समय में आईएमएफ (IMF) के पास आरक्षित भंडार में 3.5 करोड़ डॉलर की गिरावट दर्ज की गई।

market regulator- SEBI जल्द ही पैसिव फंड में कम लागत पर निवेश करने के लागू कर सकता है। इसके साथ ही अनुपालन बोझ कम करने, फंड उद्योग को बढ़ावा देने के साथ इससे जुड़े नियमों को भी आसान बनाने की उम्मीद है। Securities and Exchange Board of India (SEBI) के पूर्णकालिक सदस्य अनंत बरुआ ने शुक्रवार को कहा, इंडेक्स फंड और ईटीएफ के ज्यादा लचीलापन देने की योजना है। बता दें, पैसिव म्यूचुअल फंड बाजार (Mutual Funds) को ट्रैक करता है। एक्टिव फंड के मुकाबले उतार-चढ़ाव कम होता है। यह उन निवेशकों के लिए अच्छा है जो रिटर्न (return) के बजाय सुरक्षा को तवज्जो देते हैं। इसमें फंड मैनेजरों (fund manager) की भूमिका नहीं होती है।

BOI देगा जमा राशि पर अधिक ब्याज:

बैंक ऑफ इंडिया (BOI) ने एक साल के समय के लिए दो करोड़ रुपये से कम के जमा पर ब्याज दर (interest rate) को बढ़ा दिया है, अब इसे सालाना 7 फीसदी कर दिया है। बैंक ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, वह अपने दैनिक ग्राहकों के इस समय तीन से सात फीसदी तक ब्याज दे रहा है। बुजुर्गों को 7.50 फीसदी और 80 साल से ज्यादा वाले जमाकर्ताओं को 7.65 फीसदी ब्याज मिलेगा।

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इन्हे मिलेगा उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का लाभ
भारत सरकार दवा व अन्य व्यवसाय में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख रसायनों (chemicals) के लिए भी उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना ला सकती है। रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को कहा: दुनिया की फार्मेसी भारत है। उद्योग को नेतृत्व की स्थिति बनाए रखने के लिए दुनियाभर में हो रहे बदलाव के बारे में जागरूक रहने और नवाचारों पर ध्यान देने की जरूरत है। इसको ध्यान में रखते हुए दवा व अन्य उद्योगों (Pharmaceuticals industry) में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख रसायनों के लिए पीएलआई योजना लाने की तैयारी है। मांडविया ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा, वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए दवा-चिकित्सा उपकरण उद्योग सस्ती दरों पर गुणवत्ता वाले उत्पादों के विनिर्माण (Innovation) पर ध्यान दे। उन्होंने कहा, मोदी सरकार गरीब और किसान (farmers) की समर्थक है। साथ ही, उद्योग के अनुकूल भी है।

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