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Attention Mobile Users : मोबाइल यूजर्स ध्यान दें, इस गलती से बंद हो सकता हैं आपका मोबाइल नेटवर्क!

Attention mobile users :देश की बड़ी मोबाइल सब्सक्राइबर बेस कहलाने वाली कंपनी वोडाफोन-आइडिया पर सकंट गहराता जा रहा है. दरअसल वोडाफोन-आइडिया पर टावर कंपनियों का करीब 10 हजार करोड़ का कर्ज है. इस 10 हजार के कुल कर्ज में 7 हजार करोड़ का कर्ज ऐसा है जो कंपनी को जल्द से जल्द लौटाना होगा.
 
Attention Mobile Users : मोबाइल यूजर्स ध्यान दें, इस गलती से बंद हो सकता हैं आपका मोबाइल नेटवर्क!

Attention mobile users, Breaking Newsअगर कंपनी ऐसा नहीं कर पाती है तो उसका नेटवर्क ठप हो सकता है.

 

 

26 करोड़ ग्राहकों पर होगा असर(26 crore customers will be affected)

डीओटी के आंकड़ों (DOT data)के मुताबिक कंपनी के पास अप्रैल 2022 के अंत तक 259.21 मिलियन ( करीब 26 करोड़) ग्राहक थे. हालांकि इस दौरान कंपनी का सब्सक्राइबर बेस 1.6 मिलियन ( 16 लाख ) घटा है. अगर कंपनी 7 हजार रुपए का भुगतान अगले महीने नहीं कर पाती है तो इसका सीधा असर इन 26 करोड़ ग्राहकों पर पड़ेगा.

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क्या है मामला(what is the matter)

दरअसल इंडस टावर (indus tower)जो वोडाफोन-आइडिया (vodafone-idea) को टावर कनेक्टिविटी प्रदान करती है. कंपनी का 7 हजार करोड़ का बकाया वोडाफोन-आइडिया पर है. कंपनी ने कड़े शब्दो में वोडाफोन-आइडिया को कह दिया है कि आपको हर हाल में जल्द से जल्द इसका भुगतान करना होगा. ऐसा नहीं होने पर नंवबर से कंपनी उनके टावर का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी.

किसे मिल सकता है फायदा(who can benefit)

अगर ऐसा होता है तो वोडाफोन-आइडिया (vodafone-idea) की तो मुश्किले और बढ़ जाएंगी लेकिन इसका फायदा रिलायंस जियो और एयरटेल(Reliance Jio and Airtel) जैसे बड़े मार्केट प्लेयर (market player) को मिलेगा. लेकिन सवाल इन 26 करोड़ ग्राहकों का है जो वोडाफोन- आइडिया (vodafone-idea) का नेटवर्क इस्तेमाल करते हैं. उन्हें मोबाइल इस्तेमाल करने के लिए दूसरे कंपनी के नेटवर्क पर शिफ्ट होना पड़ेगा.

पहले से ही हालत है खराब(already bad)

वोडाफोन-आइडिया का हालत पहले से ही कुछ खास अच्छी नहीं चल रही है. हालत को सुधारने के लिए वोडाफोन-आइडिया (vodafone-idea)का मर्जर भी किया है. लेकिन ये दाव भी कुछ खास नहीं चल पाया हालांकि सब्सक्राबर (subscriber) बेस बढ़ाने में मदद जरुर मिली लेकिन कपंनी पर कर्ज का भार बढता ही रहा. कारोबारी गतिविधियों से जुड़े भुगतान बढ़ कर करीब 15 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं. कंपनी कर्ज और इक्विटी के जरिए 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रही है लेकिन अभी तक वो इसमें सफल नहीं हुई है.

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