logo

Toll Plaza.को लेकर मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, वाहन चालकों को मिलेगी बड़ी राहत

Haryana Update.Toll Plaza. टोल नाके को लेकर मोदी सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है,बुधवार को केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी(Nitin Gadkari) द्वारा सदन में दिए गए एक बयान ने कई चर्चाओं को हवा दे दी है, उन्होंने अपने बयान में कहा कि नेशनल हाईवे पर 60 किलोमीटर से पहले कोई टोल टैक्स (Toll Taxes) नहीं लगेगा।
 
nitin gadkari on toll tax
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Toll Plaza.केन्द्र में मोदी सरकार (Narendra Modi) बने हुए लगभग 8 साल होने को है और इस दौरान कोई मंत्रालय अगर सबसे ज्यादा तारीफें बटोर रहा है तो वह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय(Transport Ministry) है। इस मंत्रालय का जिम्मा 2014 से नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को सौंपा गया है और विशेषज्ञों का कहना है कि देश में सड़कों का विकास बेहतरीन तरीके से हो रहा है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।

Toll Plaza News

संसद में नितिन गडकरी ने किया बड़ा ऐलान

बुधवार को केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा सदन में दिए गए एक बयान ने कई चर्चाओं को हवा दे दी है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि नेशनल हाईवे(National Highway) पर 60 किलोमीटर से पहले कोई टोल टैक्स (Toll Taxes) नहीं लगेगा। सड़कों के लिए जारी बजटीय आवंटन पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए गडकरी ने आश्वस्त किया कि 60 किलोमीटर से कम दूरी के सभी टोल टैक्स खत्म किए जाएंगे।

ये खबर भी पढ़ें- Haryana News : ढाई घंटे में हरियाणा से देहरादून पहुंचना अब होगा मुश्किल, कंपनी ने प्रोजेक्ट का पैसा कहीं और लगा अटका दिया काम

लोगों के मन में आते है कई सवाल

गडकरी के इस फैसले का लोग दिल खोलकर स्वागत कर रहे हैं लेकिन साथ ही लोगों के मन में कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं। ऐसे में हम आपको समझाते हैं टोल टैक्स का पूरा गुणा- गणित।

टोल टैक्‍स(Toll Tax) या सिर्फ टोल वह शुल्‍क है जो वाहन चालकों को तय सड़कों, पुलों, सुरंगों से गुजरने पर देना पड़ता है। ऐसी सड़कों को टोल रोड़ कहा जाता है। यह इनडायरेक्‍ट टैक्‍स है। यह रोड टैक्‍स से इतर है जो RTO वाहन मालिकों से वसूल करते हैं।

Good News: Delhi- NCR मे अब नही करना पड़ेगा बसों और ऑटो के लिए घंटो इंतजार

आखिर क्यों भरना होता है टोल टैक्स

नेशनल हाईवे या एक्सप्रेस-वे बनाने में अरबों रुपए की लागत राशि खर्च की जाती है। ऐसे में टोल के जरिए उस लागत राशि को वसूला जाता है। हाईवे के रख-रखाव पर खर्च होने वाली राशि के लिए टोल टैक्स लिया जाता है। एक बार हाइवे की लागत रिकवर हो जाने पर टोल टैक्स 40 प्रतिशत हो जाता है जो रखरखाव के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

टोल कैसे तय किया जाता है

आमतौर पर एक टोल से दूसरे टोल की दूरी 60 किलोमीटर होने पर ही टोल टैक्स वसूल किया जाता है। अगर इससे कम दूरी पर टोल वसूली हो रही है तो रोड़ की वास्तविक लंबाई के आधार पर टैक्स वसूली की जा सकती हैं। पुल, सुरंग, हाइवे की चौड़ाई आदि कई फैक्टर्स होते हैं जिनके आधार पर यह तय होता है कि वाहन चालक को कितना टोल टैक्स देना होगा।

लोकल लोगों के लिए बनेंगे ख़ास तरह के पास

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में कहा कि 60 किलोमीटर के दायरे में एक ही बार टोल टैक्स की वसूली की जानी चाहिए। हालांकि कई जगहों पर इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि 3 महीने के अंदर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 60 किलोमीटर के दायरे में एक ही टोल नाका हो, बाकी बंद किए जाएंगे। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि लोकल लोगों के लिए टोल नाका पार करने हेतु आधार कार्ड आधारित पास बनाए जाएंगे।