कलयुग में क्यों है खाटू श्यामजी की पूजा का है विशेष महत्व

राजस्थान के सीकर में स्थित खाटू श्याम का मंदिर भगवान श्री कृष्ण के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. खाटू श्याम जी को कलयुग का सबसे मान्य मंदिरों और भगवान माना जाता है

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खाटू श्यामजी

हिंदू धर्म के अनुसार खाटू श्याम को कलयुग में कृष्ण का अवतार माना जाता है. तो चलिए आज हम आपको खाटू श्याम मंदिर के बारे में कुछ रोचक और दिलचस्प बातें बताते हैं.

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हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम हमारा

खाटू श्याम मंदिर में किसी भी भक्त की मनोकामना अधूरी नहीं रहती हैं. जो भी व्यक्ति अपनी परेशानियां, मुसीबते लेकर आता है. उसकी सभी  कष्टों का निवारण बाबा कर देते हैं

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कैसे हुआ बाबा खाटूश्याम के मंदिर का निर्माण

कलयुग समय में राजस्थान के खाटू गांव में उनका सिर मिला था. बताया जाता हैं कि जब वहां खड़ी गाय के थन से अपने आप दूध बहने लगा. इस चमत्कारिक घटना को जब खोदकर देखा गया तो यहां खाटू श्याम जी का सिर मिला

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खाटू श्याम जी

कोई भी परेशानी हो इस मंदिर में आने वाला कोई भी भक्त निराश नहीं डालता है. यही वजह है कि खाटू श्याम को लखदारतार के नाम से भी जाना जाता है.

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खाटू श्याम जी

जब कौरव और पांडवों के बीच युद्ध हुआ, श्री कृष्ण युद्ध का परिणाम जानते थे और उन्हें डर था कि बर्बरीक कहीं पांडवों के लिए उल्टा न पड़ जाए. 

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खाटू श्याम जी

कृष्ण जी ने बर्बरीक को रोकने के लिए दान की मांग की. जिसमें उन्होंने उनका शीश मांग लिया. दान में बर्बरीक ने उनको शीश दे दिया, श्री कृष्ण इस बलिदान से काफी खुश हुए और उन्हें कलियुग में श्याम के नाम से पूजे जाने का वरदान दे दिया. 

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खाटू श्यामजी

तो इसलिए कलयुग में खाटू श्यामजी की पूजा का महत्व विशेष है श्याम बाबा को हारे का सहारा माना जाता है.

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