सावन मे ऐसे करे भगवान शिव की पूजा, भोलेनाथ जल्द होंगे प्रसन्न

सबसे पहले रोली, मोली,धूप,धतूरा,घी,शहद,दूध और गंगाजल और बेल पत्र और पुष्प इकट्ठा करें।

सुबह जल्दी उठें, हो सके तो ब्रह्म मुहूर्त 4 बजे से पहले उठें और स्नान करें।

शिव मंदिर मे जा कर शिवलिंग पर सबसे पहले सामान्य जल चढ़ाये, उसके बाद कच्चा दूध, शहद से महादेव का अभिषेक करें। उसके बाद गंगा जल से अभिषेक करें।

धूप, दीप, बेलपत्र, पुष्प और फल आदि चढ़ाये।

सभी चीजें अर्पण करते हुए ' ॐ श्रींग ह्री नमः शिवाय' इस मंत्र का 108 बार जाप करें। उसके बाद भगवान के पास अपनी प्रार्थना रखें।

आरती

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे । हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे । त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी। चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे । सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता । जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका । प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे । कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥