द्रोणाचार्य को भारत का पहला टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है. महर्षि भारद्वाज गंगा में स्नान कर रहे थे और वहीं एक अप्सरा भी स्नान कर रही थी. जिसे देखकर ऋषि मंत्रमुग्ध हो गए और उनके शरीर से शुक्राणु निकला जिससे द्रोणाचार्य का जन्म हुआ.
भीष्म पितामह के पास 5 ऐसे तीर थे जिनसे वह पांडवों का वध करने वाले थे और उन तीरों को दुर्योधन ले गया. लेकिन भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर अर्जुन ने छल से वह तीर ले लिए.
बलराम चाहते थे कि उनकी बेटी वत्सला की शादी दुर्योधयन के बेटे लक्ष्मण से हो. लेकिन वत्सला और अभिमन्यु एक-दूसरे से प्रेम करते थे और उनका विवाह कराने में घटोत्कच ने उनकी मदद की.
पांडवों के पिता पांडु ने मरने से पहले अपने पुत्रों से कहा कि अगर वह उनका मस्तिष्क खा लेंगे तो बुद्धिमान बनेंगे और उनकी यह इच्छा सहदेव ने पूरी की.
अर्जुन के बेटे इरावन ने अपने पिता की जीत के लिए खुद की बलि दी थी लेकिन बलि से पहले वह शादी करना चाहता था और इसके लिए कोई लड़की तैयार नहीं थी. तब श्रीकृष्ण ने लड़की बनकर उससे विवाह किया.