पानी की बर्बादी को रोकने और लोगों को इसका महत्व समझाने के उद्देश्य से ये दिन मनाया जाता है
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी एक बार अपने भाषण के दौरान लोगों को चेताते हुए कहा था कि ध्यान रहे कि आग पानी में भी लगती है और कहीं ऐसा न हो कि अगला विश्वयुद्ध पानी के मसले पर हो.
साल 1993 में 22 मार्च को पहला वाटर डे मनाया गया. तब से हर साल ये दिन सेलिब्रेट किया जाता है.
इसी दिन इस बात की घोषणा की गई कि हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाएगा.
जल के महत्व के साथ व्यक्ति को तेजी से गहराते जल संकट की वजह को भी समझना होगा, ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके