माथे पर तिलक लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है और किसी भी शुभ अवसर पर हल्दी का तिलक लगाने की परम्परा बहुत वक्त से चलती आ रही है.
हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कम को करने से पहले माथे पर तिलक लगाया जाता है यह सदियों पुराणी परम्परा है. माना जाता है तिलक लगाकर जाने से व्यक्ति के सभी काम सफल हो जाते है.माथे पर तिलक शुभता का प्रतीक है.
जब हम मांगलिक पूजा-पाठ कर रहे हो तो माथे पर तिलक लगाना बहुत ही शुभ फल मिलता है. तिलक माथे के बीचो-बीच लगाया जाता है.
तिलक कभी रोली, कभी चन्दन, कभी केसर तो कभी हल्दी का लगाया जाता है. सभी तिलक को महत्वपूर्ण माना जाता है और हल्दी के तिलक के अपने अलग-अलग फायदे है.
शरीर के सात उर्जा के केंद्र होते है जिन्हें शक्ति का भंडार कहा जाता है. माथे के बीचो-बीच एक आज्ञा चक्र होता है और सात चक्रो में से ये सबसे महत्वपूर्ण है.
यदि ब्रस्पति कमजोर है तो इसको हल्दी के तिलक से सकारात्मक बनाया जा सकता है. यदि ब्रस्पति पहले से मजबूत है तो तिलक उसे और जाता शुभ बनाया जा सकता है.