पारंपरिक तौर से चारधाम यात्रा पश्चिम से पूर्व की तरफ की जाती है। इसका मतलब यह यमुनोत्री से शुरू होती है। इसके बाद गंगोत्री, केदारनाथ और फिर बद्रीनाथ में यात्रा पूरी होती है। चारधाम की कुल यात्रा 1,607 किलोमीटर की है।
यमुनोत्री मंदिर, सप्तऋषि कुंड, सूर्य कुंड, दिव्य शिला, हनुमानचट्टी, खरसाली।
भोजबासा, गंगनानी, केदारताल, गौमुख, गंगोत्री मंदिर, भैरोंघाटी, जलमग्न शिवलिंग, तपोवन।
गांधी सरोवर, फाटा, सोन प्रयाग, त्रियुगी नारायण मंदिर, चंद्रपुरी, कालीमठ, वासुकी ताल, शंकराचार्य समाधि, गौरीकुंड।
पांडुकेश्वर, योगध्यान बद्री मंदिर, माणा गांव, सतोपंथ झील, तप्त कुंड, नीलकंठ शिखर, चरण पादुका, माता मूर्ति मंदिर, नारद कुंड, भीम पुल, गणेश गुफा, ब्रह्म कपाल, शेषनेत्र, व्यास गुफा आदि।
चारधाम के कपाट इस साल खुलने की तारीख कुछ इस तरह से है…
यमुनोत्री- 22 अप्रैल 2023
गंगोत्री- 22 अप्रैल 2023
केदारनाथ- 25 अप्रैल 2023
बद्रीनाथ- 27 अप्रैल 2023