Banke Bihari मंदिर के ये रहस्य जानकर हैरान हो जाएंगे आप
बाँके बिहारी मदिर मथुरा के वृन्दावन मे स्थित है, जानिए इसके कुछ रहस्यमय तथ्य...
तानसेन के गुरु स्वामी हरिदास ने की थी स्थापना
बाँके बिहारी मंदिर की स्थापना भक्त स्वामी हरिदास ने की थी। स्वामी हरिदास प्राचीन काल के मशहूर गायक तानसेन के गुरु थे।
स्वयं प्रकट हुई थी मूर्ति
एक दिन वृन्दावन के लोगों ने हरिदास जी से राधा कृष्ण के दर्शन करवाने को कहा तो उन्होने भगवान श्री राधा कृष्ण के आगे लोगों की बात कही। जब उन्होने भगवान का ध्यान और भजन किया तो आंखे खोलने के बाद अपनी आंखो के समक्ष उन्हे पाया।
मंदिर बनने से पहले निधिवन मे होती थी पूजा
मूर्ति प्राप्त होने के बाद शुरुआत मे तो स्वामी हरिदास ने निधिवन मे ही प्रभु की पूजा करी। बाद मे मंदिर का निर्माण होने के बाद उन्होने वृन्दावनवासियों को दर्शन करवाने के लिए इस मंदिर मे स्थापित कर दिया।
राधा कृष्ण का विग्रह रूप है बाँके बिहारी
बाँके बिहारी भगवान राधा कृष्ण का सम्मिलित रूप है, यही कारण है की आधा पुरुष का और आधा स्त्री का शृंगार किया जाता है।
हर दो मिनट मे किया जाता है पर्दा
भगवान बाँके बिहारी के आगे हर दो मिनट मे एक बार पर्दा किया जाता है। इसका कारण ये है की मान्यता है की प्रेम से एक टक निहारते हुए भक्त की भक्ति के वशीभूत होकर वो उसके साथ चले जाते है।