ऑपरेशन ब्लू स्टार: पंजाब के हिस्से मे बँटवारे के बाद सबसे काला दौर

3 जून को भारतीय सेना अमृतसर में प्रवेश कर गई और स्वर्ण मंदिर को घेर लिया गया. शाम तक कर्फ्यू लगा दिया गया. चार जून को सेना ने गोलीबारी शुरू कर दी, ताकि चरमपंथियों के हथियारों और असले का अंदाजा लगाया जा सके. शाम होते होते इंदिरा गांधी ने सेना को स्वर्ण मंदिर परिसर में घुसने और ऑपरेशन ब्लू स्टार शुरू करने का आदेश दे दिया. जिसके बाद वहां परिसर में भीषण खून-खराबा हुआ.

चरमपंथियों की ओर से भी काफी तीखा जवाब मिला

सैन्य कमांडर केएस बराड़ ने माना कि चरमपंथियों की ओर से भी काफी तीखा जवाब मिला. अकाल तख्त पूरी तरह तबाह हो गया. स्वर्ण मंदिर पर भी गोलियां चलीं. कई सदियों में पहली बार वहां छह, सात और आठ जून को पाठ नहीं हो पाया. सिख पुस्तकालय जल गया.

भारत सरकार के श्वेतपत्र के अनुसार, ऑपरेशन ब्लू स्टार(Operation Blue Star) में 83 सैनिक मारे गए

ऑपरेशन ब्लू स्टार में 83 सैनिक मारे गए और 249 घायल हुए. इसी श्वेतपत्र के अनुसार 493 चरमपंथी और आम नागरिक मारे गए, 86 घायल हुए और 1592 को गिरफ़्तार किया गया, लेकिन इन सब आंकड़ों को लेकर अब तक विवाद चल रहा है. सिख संगठनों का कहना है कि मरने वाले निर्दोष लोगों की संख्या हजारों में है. हालांकि भारत सरकार इसका खंडन करती आई है. वहीं इस कार्रवाई से सिख समुदाय की भावनाओं को बहुत ठेस पहुंची.

कहानी शुरू हुई 1978 से. बैसाखी (13 अप्रैल) को

कहानी शुरू हुई 1978 से. बैसाखी (13 अप्रैल) को भिंडरावाले के समर्थकों की निरंकारियों से झड़प हुई. भिंडरावाले के 13 समर्थक मारे गए. इस घटना ने भिंडरावाले का नाम अचानक सुर्खियों में ला दिया. सिख शिक्षण संस्था दमदमी टकसाल के इस 31 वर्षीय प्रमुख का नजरिया हमेशा कट्टर रहा.