Annabelle Doll: एनाबेल डॉल की भूतिया और डरावनी सच्ची कहानी

वॉरेन के मुताबिक, 1970 में डोना नाम की एक लड़की को उसकी मां ने बर्थडे पर ये डॉल गिफ्ट की थी. नर्सिंग की पढ़ाई कर रही डोना उस वक्त अपनी एक फ्रेंड के साथ रहती थीं.

पहले तो सब ठीक रहा लेकिन कुछ समय बाद अचानक से घर में अजीबोगरीब एक्टिविटीज होने लगीं.

डॉल में खुद ब खुद मूमेंट्स होने लगे. वो कभी भी अपनी जगह पर रखी नहीं मिलती. यहां तक की कई बार डॉल दूसरे कमरे तक में मिलने लगी थी.

एनाबेल के पेट पर इंसानी खून

इसके कुछ ही दिन बाद घर में जगह-जगह हेल्प मी के संदेश लिखे दिखाई देने लगे. डर तब और बढ़ गया जब उसने एनाबेल के पेट पर इंसानी खून देखा.पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर वाॅरेन्स को भी कई बार इस डाॅल पर खून के धब्बे दिखे, लेकिन इसका कभी कोई जवाब नहीं मिल पाया.

नाकाम रहती डोल से छुटकारा पाने की कोशिश

डॉल की इन एक्टिविटीज के खौफ के चलते दोनों लड़कियों ने कई बार इससे छुटकारा पाने की भी कोशिश की, लेकिन हर बार ये घर के अंदर मिलती. डॉल ने कई बार डोना और उसकी दोस्त एंजी पर हमला किया. यहां तक की डोना के दोस्त लू को जान से मारने तक की कोशिश की.

इंसानी शरीर की तलाश में थी डॉल

लॉरेन के मुताबिक, इतनी घटनाएं हो जाने के बाद आखिरकार डोना ने उनसे संपर्क किया. इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि डॉल में एक शैतानी आत्मा छिपी है और वो अपने लिए किसी इंसानी शरीर की तलाश में थी.

इसके बाद एड और लॉरेन ने डॉल को अपने साथ ले जाने का फैसला किया. ड्राइविंग के वक्त भी कई बार कार के ब्रेक और स्टेयरिंग फेल हुए थे.

लॉरेन ने बताया कि म्यूजियम में लाने के बाद से ही एनाबेल को एक ग्लास बॉक्स में बंद कर के मंत्रों से बांध दिया, जिसकी वजह से बुरी आत्माएं एक जगह फंसी रहती हैं.