Haridwar के बारे मे 5 रोचक तथ्य जो जरूर जानने चाहिए।

हरिद्वार के बारे मे आज हम आपको बताने वाले है ऐसे 5 तथ्य जिसे आपको जानकर आप हरिद्वार का महत्व जान जाओगे.

हरिद्वार में ही गिरी थीं अमृत की बूँदें

पौराणिक कथाओं में इस बात का ज़िक्र मिलता है कि समुद्र मंथन के दौरान धरती पर चार जगह अमृत की बूंदे गिरी थी। इलाहबाद, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार। हरिद्वार में भी हर की पैड़ी स्थान पर अमृत छलका था जो ब्रह्मकुंड के नाम से प्रचलित है।

हरिद्वार का दूसरा नाम गंगाद्वार

गंगा (Ganga) मैया हरी के गृह से ही निकलकर मैदानी इलाकों तक पहुँचती है इसलिए इसे गंगाद्वार (gangadwar) के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ पर डुबकी लगाने वाले हर व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है ऐसी मान्यता है।

तीनों देवताओं की उपस्थिति ने किया हरिद्वार को पवित्र

हरिद्वार को तीन देवताओं- ब्रह्मा, विष्णु और महेश का स्थान माना जाता है। गंगा के उत्तरी भाग में श्री हरी का बद्रीनाथ (Badrinath) और भोलेनाथ का तीर्थ केदारनाथ अवस्थित है।

हरिद्वार की उपनगरी कनखल में ही सती ने दी थी प्राणों की आहुति

हरिद्वार का कनखल (Kankhal) ही वह स्थान है जहाँ पर राजा दक्ष ने प्रसिद्ध यज्ञ का आयोजन किया था। जिसमें उन्होंने अपनी पुत्री सती और भगवान् शिव को आमंत्रित नहीं किया था। सती अपने पिता द्वारा किये गए इस अपमान को सह नहीं पाई थी और यज्ञ की अग्नि में उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।

ऋषि मुनियों की तपभूमि है हरिद्वार

हरिद्वार (Haridwar) में ही सप्तऋषियों, कपिल मुनि और विश्वामित्र ने कठोर तपस्या की थी। इसलिए इस स्थान को ऋषि मुनियों की तपभूमि के नाम से भी जाना जाता है।