कांच के गिलास में ही लोग क्यों पीते हैं शराब ?
Haryana Update : Sharab पीने वालों को तो आपने देखा ही होगा, ऐसा अक्सर होता है कि अधिकतर लोग Sharab को पीते समय हमेशा कांच के Gilass का ही Use करते हैं। पूरी दुनिया में Sharab सबसे ज्यादा शीशे के Gilass में ही परोसी जाती है, देखा जाए तो पीने के शौकीन लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता कि पैमाना किस चीज का बना है।
आपने भी लोगों को शीशे के चमचमाते पैमानों से लेकर प्लास्टिक Gilass और मिट्ठी के कुल्हड़ों तक में इसका आनंद उठाते देखा होगा। हालांकि, संभ्रांत समाज में Steel के Gilass में Sharab परोसा जाना और पीना जरा 'डाउनमार्केट' माना जाता है।
आखिर क्या वजह है कि बहुत सारे लोग Steel के Gilass में Sharab पीने को सही नहीं मानते। क्या सेहत के नजरिए से भी यह ठीक नहीं है? आइए, जानते हैं क्या है सच्चाई।
सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं
जानकार मानते हैं कि Steel के Gilass में Sharab पीने का सेहत के नजरिए से कोई नुकसान नहीं है। Sharab बनाने की पूरी प्रक्रिया में Use होने वाले उपकरण तक स्टेनलेस Steel के बने होते हैं। फर्मेंटिंग टैंक से लेकर फिल्टरिंग उपकरण तक Steel के बने होते हैं। इस बात के सबूत भी नहीं मिले कि Steel के Gilass में Sharab डालने से उसका केमिकल नेचर या फ्लेवर प्रभावित होता हो।
यानी Steel के Gilass में Sharab बिलकुल सेफ है। बाजार में तो कुछ स्टायलिश बीयर मग भी मौजूद हैं, जो स्टेनलेस Steel के बने होते हैं। और तो और, कॉकटेल्स बनाने के शेकर्स और दूसरे मिक्सिंग उपकरण भी स्टेनलेस Steel के ही बने होते हैं।
Steel के Gilass में Sharab पीने से क्या नुकसान
जानकारों के मुताबिक, Sharab पीने के एहसास को बेहतर बनाता है उसे पूरी शिद्दत से महसूस कर पाना, खाने-पीने के स्वाद के एहसास की सबसे बड़ी ताकत है हमारी आंखें। बाकी Sharab की महक, उसका स्वाद, उसका स्पर्श आदि महसूस करने के लिए हमारी दूसरी ज्ञानेंद्रियां मदद करती हैं। कान का Use तब होता है, जब हम पैमाने टकराते हैं और इसकी खनक हमारे कानों तक पहुंचती है। ऐसे में Steel के Gilass का सबसे बड़ा नुकसान यही है कि पीते वक्त Sharab को देख पाना ही मुमकिन नहीं हो पाता।
पीने से पहले आंखों से Sharab को देखने का मनोवैज्ञानिक असर बहुत बड़ा होता है, जिसका संबंध सीधे उसके स्वाद से होता है। Steel के Gilass इसी एहसास को बेहद सीमित कर देते हैं। यह कुछ वैसा ही है, मानो आंखों पर पट्टी बांधकर कोई स्वादिष्ट चीज खाना। वहीं, स्टेनलेस Steel के Gilass में धातु की महक भी आ सकती है, जो Sharab के फ्लेवर के एहसास में बाधा बन सकती है। कांच के Gilass गंधहीन होते हैं, इसलिए ये नुकसान नहीं होता।
ये तो स्टाइल का भी मामला है!
भारत में अधिकतर लोगों को Sharab में पानी, सोडा, जूस, कोल्ड ड्रिंक आदि मिलाने की आदत होती है। शीशे के Gilass में यह सुविधा है कि पीने वाले को डाली गई Sharab और उसमें मिलाए जाने वाले दूसरे तरल की मात्रा का पूरा एहसास रहता है।
वहीं, Sharab बेचने वाली कंपनियों ने भी इसकी मार्केटिंग कुछ तरह की है कि पीने के साथ-साथ पीने का तरीका भी बेहद अहम हो चला है। विज्ञापनों ने खूबसूरत ग्लासेज में महंगी Sharab पीने को इतना स्वीकार्य बना दिया है कि Steel के Gilass उस एहसास को कमतर करते हुए लगते हैं। रूपहले पर्दे पर किसी रईस किरदार को Steel के Gilass में Sharab पीते आपने शायद ही कभी देखा हो।