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बैंक से लोन लेते वक़्त ये बातें जरूर जान लें, वरना रातों की नींद हो जाएगी हराम

लोन लेने पर एजेंट कमीशन में भी पैसे कमाते हैं। यह कमीशन इंश्योरेंस बेचकर और विकसित होता जाता है। ऐसे में होम लोन के साथ धीरे-धीरे एकमात्र प्रीमियम टर्म ऋण भी बढ़ा दिया जाता है।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

 
बैंक से लोन लेते वक़्त ये बातें जरूर जान लें, वरना रातों की नींद हो जाएगी हराम 

Haryana Update : लोन के लिए आवेदन करना एक व्यक्ति की कमजोर आर्थिक स्थिति है। बैंक इस बात को बहुत जानते हैं। वे इस स्थिति का फायदा उठाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। गेंद अब आपके पाले में है। उन्हें ऐसा करने देना आप पर निर्भर करता है। लेकिन, आपको उनकी हर चाल का पता होना चाहिए।

देखो एक उदाहरण। बैंक ने मुझे फोन किया और पूछा, "क्या आप पर्सनल लोन लेना चाहते हैं? हम अपने मूल्यवान ग्राहकों के लिए बहुत कम दर पर 9% का लोन दे रहे हैं। हाँ, सालाना फ्लैट 9%।:''

यह संदेश अपने लक्ष्य को भ्रमित करने का साधन है। यह रिलेशनशिप मैनेजरों द्वारा ग्राहक बनाने के कई तरीकों में से एक है। बैंक और गैर-बैंकिंग वित् तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के एजेंट बार-बार भोले-भाले ग्राहकों को झूठ बोलते हैं।

9% पर्सनल लोन सस्ता लग सकता है। लेकिन ब्याज का फ्लैट रेट ईएमआई के साथ लोन को देखने का सही तरीका नहीं है, कुछ ग्राहक। हर EMI मूल रकम को कम करता है। ब्याज की घटती दर (रिड्यूसिंग रेट ऑफ इंटरेस्ट) इसलिए ऐसे लोन का मूल्यांकन करना चाहिए।


रिड्यूसिंग रेट ऑफ इंटरनेशनल में ईएमआई कम होती जाती है जैसे-जैसे लोन की अवधि गुजरती जाती है। फ्लैट रेट में ऐसा नहीं होता। ईएमआई भुगतान हर बार एक ही है। दोनों में से पहला ग्राहक के लिए अच्छा है। लेकिन कोई भी रिलेशनशिप मैनेजर इसे नहीं बताता।

यदि लोन पांच साल का है, तो 8% फ्लैट दर 15.7% रिड्यूसिंग दर के बराबर होगी (ग्राफिक देखें)। दुर्भाग्यवश, बहुत कम ग्राहक ऐसा करते हैं। उन्हें कम फ्लैट रेट की पेशकश की जाती है, जिसमें वे आसानी से शामिल हो जाते हैं।

बैंक सटाफ ग्राहकों को इस बात को समझने देता है। इनमें लोन प्रोसेसिंग खर्च सबसे अच्छा है। यह एक छोटी रकम होती है, सामान्य लोन का 1 से 2 प्रतिशत, 2,000 से 3,000 रुपये के बीच। लेकिन ये प्रभावी चार्ज लोन दरों को बढ़ा देते हैं।

यह भी लोन कॉस्ट बढ़ाता है

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ब्याज दर को प्रभावी बनाने का दूसरा उपाय आधुनिक EMI है। यह एक आसान चाल है जिससे ग्राहक का कुल कर्ज कम हो जाता है। ग्राहक को इसके तहत एडवांस में दो ईएमआई देने को कहा जाता है। 14 प्रतिशत की दर से 5 लाख रुपये के लोन की ईएमआई दो साल में 24,000 रुपये निकलती है। यदि आप दो ईएमआई अपफ्रंट देते हैं, तो आपका कुल लोन 4.52 लाख रुपये कम हो जाता है। जबकि आप 5 लाख रुपये का भुगतान कर रहे हैं।

ग्राहक क्यों नहीं देखते?

जब लोग लोन लेते हैं, तो मंजूर होने वाली रकम को देखते हुए उन्हें लगता है कि दो ईएमआई का भुगतान बहुत महंगा नहीं होगा। वे भी इसकी चिंता नहीं करते। लेकिन इन दो EMI पेमेंट से लोन की प्रभावी ब्याज दर 14% से 16.6% हो जाती है। अगर ग्राहक सवाल करते हैं, तो उनका ध्यान इस तरह भटका दिया जाता है कि फॉर्म में कोई कमी थी, कुछ अतिरिक्त दस्तावेज की जरूरत है या बस कुछ अतिरिक्त विशेषताओं की बात की जाती है।

एप पर हस्ताक्षर करने पर फोकस

यही कारण है कि लोन प्राप्त करना तेजी से होता है। लोन डॉक्यूमेंट में दिए गए नियमों को पढ़ने और समझने का समय नहीं दिया जाता है। वैसे भी, ग्राहक को नियम और शर्तें पढ़ने में कठिनाई होती है। कुल मिलाकर, लोन एप्लिकेशन पर हस्ताक्षर करने पर पूरा ध्यान दिया जाता है।

इंश्योरेंस के लिए झूठ बोलना

लोन लेने पर एजेंट कमीशन में भी पैसे कमाते हैं। यह कमीशन इंशयोरेंस बेचकर और विकसित होता जाता है। ऐसे में होम लोन के साथ धीरे-धीरे एकमात्र प्रीमियम टर्म ऋण भी बढ़ा दिया जाता है। यह पॉलिसी लोन लेने वाले को कवर करती है और उसके लोन को भुगतान करती है अगर कुछ होता है। ताकि ग्राहक को पैसे नहीं देना पड़े, देय प्रीमियम को लोन में जोड़ा जाता है। ध्यान दें कि होम लोन के साथ इंश्योरेंस की बिक्री गैरकानूनी है। आरबीआई बेशक बैंक को अपने हितों की सुरक्षा करने देता है। इसके लिए, कर्जदारों और एसेट को सीमित करने पर भी जोर दिया जाता है। लेकिन, यह इंश्योरेंस किसी भी जगह से खरीदा जा सकता है। बैंक इस बात पर जोर नहीं दे सकता कि उसी से इंश्योरेंस खरीदा जाए। ग्राहक को इस नियम के बारे में कभी नहीं बताया जाता है।

मौखिक प्रतिज्ञा

ग्राहक को महंगी खरीद करने के लिए धमकाया जाए तो कमीशन बढ़ जाएंगे। कार लोन में अक्सर ऐसा होता है। कार को रोडसाइड एसिस् टेंस कवर देने का प्रस्ताव है। सिर्फ मौखिक रूप से कई अतिरिक्त फीचर देने का वादा किया जाता है। इन्हें पेपर पर कभी नहीं दिया जाता।

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