बिल्ट अप और सुपर बिल्ट अप एरिया में क्या है फर्क ? फटाफट जान ले
Haryana Update : प्रॉपर्टी में निवेश तेजी से बढ़ता जा रहा है. इंवेस्टमेंट के लिए लोग Flat में पैसा लगा रहे हैं. Flat की कीमत Square feet पर तय होती है, तो ऐसे में ग्राहक को Ghar खरीदने जाने से पहले ये पता होना चाहिए कि वो किसके लिए भुगतान कर रहे हैं. उस जगह की नपाई किस आधार पर की जा रही है. आज हम आपको Flat के Area यानी उसके Size को लेकर पूरी डिटेल देने जा रहे हैं, जो आपको भविष्य में अपना Flat लेने में काफी मदद करेगी.
जब आप कोई Flat खरीदने जा रहे होते हैं तो बिल्डर आपके सामने बिल्ट-अप Area, Super Area और कॉर्पेट Area जैसे शब्दों का जिक्र करता है. अधिकांश लोग इन शब्दों के बीच के अंतर को नहीं समझते हैं. खरीदार कई बार Flat में लिखे Super Area को अपने Flat का Size मानकर Flat की बुकिंग कर देते हैं. जबकि असल Flat इससे काफी कम होता है. इसलिए जरूरी है आपको इसकी पूरी जानकारी हो.
Super बिल्ट-अप Area
Super Area में छत, बालकनी, दीवार से घिरी स्थान के अलावा Buyer की ओर से Share की जाने वाली जगह जैसे lift और सीढ़ी को भी Super Area में शामिल किया जाता है. कुछ सोसाइटी में खरीदार को Super Area के तहत क्लब हाउस, पूल और बगीचे की सुविधा भी दी जाती है.
बिल्ट अप Area
कार्पेटArea से जिन चीजों को निकाल कर दिया जाता है, वे सभी बिल्ट अप Area में आती हैं. यानी बालकनी, छत, दीवारों की मोटाई, कॉरिडोर वगैरह बिल्ट अप Area में शामिल होती है. सामान्य तौर पर ये कारपेट Area से 10 से 15 फीसद ज्यादा होता है. बिल्ट अप Area कैलकुलेट करने के लिए इसमें कारपेट Area और दीवारों की ओर से कवर किया गया क्षेत्र जोड़ लें.