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Viral News: 'समुद्र में समा जाएगा मेरा देश, अब लग रहा है डर', जानिए क्यों कहा इस 21 साल की लड़की ने

क्या हो अगर जिस देश में आप रहते है वही देश आने वाले कुछ समय में दुनिया न रहे। यानि उसका नाम निशान ही एमआईटी जाए। आप यह सोच कर ही परेशान हो जाएंगे।
 
Viral News: 'समुद्र में समा जाएगा मेरा देश, अब लग रहा है डर', जानिए क्यों कहा इस 21 साल की लड़की ने

दरअसल, मौजूदा समय में मिस्र में आयोजित COP27 समिट में अफ्रीकी देश सेशेल्स से एक छात्रा ने भी भाग लिया और अपने देश में जलवायु परिवर्तन की वजह से भविष्य में आने वाले संकटों को लेकर पूरी दुनिया को आगाह किया।

 

 

सेशेल्स की 21 वर्षीय लड़की नथालिया लॉवन (Nathalia Lawen) ने COP27 में अपने देश की एक प्रतिनिधि के रूप में हिस्सा लिया। 21 साल की उम्र में ही नथालिया क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं और अपने देश में जलवायु परिवर्तन की वजह से हो रहे नुकसान को कम करने की कोशिश में लगी हुई हैं।

हमारे बच्चे कभी नहीं जान पाएंगे कि सेशल्स कैसा था

नथालिया ने समिट में कहा कि सेशेल्स में मौसम में अचानक होने वाले बदलाव बढ़ते जा रहे हैं और समुद्र का स्तर भी लगातार बढ़ोतरी पर है। नथालिया ने कहा कि अगर हमने अभी कुछ नहीं किया तो हमारे बच्चे कभी नहीं जान पाएंगे कि सेशेल्स कैसा था। नथालिया ने आगे कहा कि यही बात अब उन्हें डराने लगी है।

नथालिया ने कहा कि यह चिंता सिर्फ हमारी जमीन के लिए ही नहीं बल्कि संस्कृति और सभ्यता के लिए भी है। नथालिया ने कहा कि कुछ देशों का कहना है कि यह उनकी परेशानी नहीं है। जबकि जलवायु शरणार्थी और प्रवास की वजह से आने वाले समय में यह पूरे विश्व पर असर डालने वाला बड़ा मुद्दा होगा।

सेशेल्स के राष्ट्रपति ने भी कही यह बड़ी बात

वहीं समिट के दौरान सेशेल्स के राष्ट्रपति वेवल रामकलावन ने कहा कि उनका देश जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा प्रभावित है, जबकि इस संकट के पीछे उनका सबसे कम योगदान है।

राष्ट्रपति वेवल ने आगे कहा कि हमारे आईलैंड के जंगल पूरे देश का उत्सर्जन सोख लेते हैं। इस वजह से जलवायु परिवर्तन में हमारी हिस्सेदारी तो बिल्कुल शून्य है, उसके बाद भी हमारे आईलैंड गायब हो रहे हैं।

वहीं नथालिया ने कहा कि, ''मैं इस बात की सराहना करती हूं कि हम इस बारे में बात कर रहे हैं, क्योंकि मेरा मानना है कि सभी देशों को हमें सुनने की जरूरत है।''

नथालिया ने कहा कि वो चाहती हैं कि दुनिया के सभी महासागरों के बचाव के लिए कदम उठाए जाएं। साथ ही इससे से मिलने वाली ज्यादा से ज्यादा जानकारी का वह अपनी पढ़ाई में भी इस्तेमाल करें।

वहीं नथालिया ने आगे कहा कि कभी यह मत सोचो कि जो तुम्हारे लिए जरूरी है, उस पर बात करने के लिए तुम बहुत छोटे हो या तुम्हारी उम्र कम है। नथालिया ने कहा कि हमेशा बहादुर रहो, चाहे तुम्हारी आवाज भी कांप रही हो, तो भी इतनी जोर से चिल्लाओ कि लोग तुम्हारी बात सुनें।

कौन हैं 21 साल की नथालिया

कम उम्र से ही नथालिया का ध्यान जलवायु संरक्षण पर था। नथालिया ने सेशेल्स के कई समुद्री बीच को साफ करने की भी मुहिम चलाई। उन्हें पीस बोट नाम के एनजीओ का ब्रांड अम्बेस्डर भी नियुक्त किया गया। नथालिया COP 27 में भी पीस बोट एनजीओ और सेशेल्स सरकार की ओर से एक प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुई हैं।

यूएन क्लाइमेट एक्सपर्ट्स ने किया था बड़ा दावा
यूएन क्लाइमेट एक्सपर्ट्स के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में समुद्र के स्तर में लगभग 6 से 10 इंच के बीच बढ़ोतरी देखी गई है। चिंता की बात यह है कि अब भी स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।

एक्सपर्ट्स ने कहा कि अगर इसी तरह ग्लोबल वार्मिंग का आलम रहा तो इस सदी के खत्म होने तक ही हिंद महासागर और पैसिफिक महासागर में पानी का स्तर 39 इंच तक बढ़ जाएगा।

जलवायु परिवर्तन पर हुए यूएन के एक शोध के मुताबिक, 22वीं सदी तक मालदीव, नौरू, किरीबाती, मार्शल और तुवालु जैसे कई देशों में इंसानों का नामों-निशान खत्म हो जाएगा।

यह सभी देश पूरी तरह पानी में समा जाएंगे, जिसका असर करीब 6 लाख लोगों पर होगा और वह बेघर हो जाएंगे। इन लोगों का कोई देश ही नहीं होगा।

मालदीव ने भविष्य की हालत को देखते हुए तैयारी भी शुरू कर दी है। मालदीव एक ऐसा शहर बसा रहा है, जो पूरी तरह पानी पर होगा। इस शहर में अस्पताल, बाजार से लेकर सरकारी बिल्डिंग भी होंगी, जो पूरी तरह पानी में बनाई जाएंगी। साल 2025 तक मालदीव की ये फ्लोटिंग सिटी शुरू हो सकती है।

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