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UPS: 25 साल तक NPS कटौती के बाद भी क्यों नहीं मिलती सरकारी कर्मियों को 50% पेंशन, जानें वजह!

NPS (National Pension System) के तहत सरकारी कर्मचारियों की पेंशन को लेकर एक महत्वपूर्ण सवाल उठ रहा है कि 25 साल तक नियमित कटौती के बाद भी उन्हें 50% पेंशन क्यों नहीं मिलती। इसका कारण यह है कि NPS की पेंशन प्रणाली में कर्मचारियों के योगदान को इक्विटी में निवेश किया जाता है, जिससे पेंशन का रूप प्रबंधन और बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है।
 
UPS: 25 साल तक NPS कटौती के बाद भी क्यों नहीं मिलती सरकारी कर्मियों को 50% पेंशन, जानें वजह!
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Haryana update : भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPPS) का गजट जारी किया था, जो कर्मचारियों के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आया है। हालांकि, यह योजना कर्मचारी संगठनों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई है। नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने इसे अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा बताया। उनका कहना था कि सरकार ने बजट से पहले ही अपनी स्थिति कमजोर कर दी है। अब पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने यूपीएस के ड्राफ्ट रेग्यूलेशन पर सुझाव और फीडबैक मांगे हैं।

क्या है यूपीएस का विवाद?

यूपीएस के तहत कर्मचारी 25 साल तक नियमित एनपीएस कटौती के बावजूद 50 प्रतिशत पेंशन पाने में असमर्थ हैं। महाराष्ट्र राज्य जुनी पेंशन संघटना के विनायक चौथे का कहना है कि यूपीएस कर्मचारियों के साथ एक बड़ा धोखा है। उनके अनुसार, 'बेंचमार्क कॉर्पस' को लेकर कर्मचारियों की उम्मीदें ध्वस्त हो जाएंगी, क्योंकि यह पेंशन का आधार बनेगा और इस राशि को जमा करना बहुत कठिन होगा।

यूपीएस में बदलाव की मांग

कर्मचारी संगठनों ने गजट को अस्वीकार किया है और सरकार से इस पर पुनर्विचार करने की मांग की है। इन संगठनों का कहना है कि 25 साल तक नियमित एनपीएस कटौती करने के बाद भी 50 प्रतिशत पेंशन मिलना संभव नहीं है। इसके पीछे 'बेंचमार्क कॉर्पस' को मुख्य कारण बताया जा रहा है। यह वह राशि होगी जो कर्मचारियों के यूपीएस खाते में जमा होनी चाहिए, और यदि यह नहीं हो पाई, तो कर्मचारी को 50 प्रतिशत पेंशन नहीं मिल पाएगी।

बेंचमार्क कॉर्पस का महत्व

कर्मचारी का बेंचमार्क कॉर्पस वह लक्षित राशि होगी जिस पर 5 प्रतिशत की वार्षिकी दर लागू होगी, ताकि कर्मचारी को निर्धारित पेंशन मिल सके। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का आखिरी 12 महीने का औसत वेतन ₹50,000 है और वह ₹25,000 की पेंशन चाहता है, तो उसे ₹60 लाख का कॉर्पस जमा करना होगा। यदि यह राशि कम हुई, तो उसे कम पेंशन मिलेगी।

क्या है वास्तविक स्थिति?

कर्मचारी संगठनों के मुताबिक, यूपीएस के तहत पेंशन की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। इसे "सुनिश्चित भुगतान" कहा गया है, जो पेंशन के वास्तविक लाभ से काफी कम है। इसके अलावा, गजट में वेतन आयोग और 80 वर्ष के बाद पेंशन वृद्धि के बारे में भी कोई उल्लेख नहीं किया गया है।

सरकार की नई दिशा

कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार ने एनपीएस और यूपीएस को लेकर कर्मचारियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। उनका कहना है कि सरकार ने पेंशन के नाम पर धोखाधड़ी की है और बेंचमार्क कॉर्पस को एक बड़ी चुनौती बना दिया है। अब सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि कर्मचारियों के साथ न्याय हो और उनकी उम्मीदों पर पानी न फिरे।

इस प्रकार, यूपीएस के गजट को लेकर कर्मचारियों के बीच कई सवाल उठ रहे हैं और अब सरकार से इसका समाधान मिलने की उम्मीद है।