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Unified Pension Scheme: जानें क्या सभी केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा पेंशन का 50% हिस्सा?

सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक नई Unified Pension Scheme लागू करने की योजना बनाई है, जिसके तहत कर्मचारियों को उनकी पेंशन का 50% हिस्सा मिलेगा। यह स्कीम कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने का उद्देश्य रखती है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन राशि का लाभ मिलेगा। जानें इस योजना के नियम और इससे संबंधित पूरी जानकारी।
 
Unified Pension Scheme: जानें क्या सभी केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा पेंशन का 50% हिस्सा?
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Haryana update : केंद्र सरकार ने हाल ही में एक नई पेंशन योजना, यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS), को लागू किया है। यह योजना राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के विकल्प के रूप में पेश की गई है, जिसके तहत केंद्रीय कर्मचारी अब अपनी पेंशन योजना के लिए NPS या UPS में से एक को चुन सकते हैं। यह कदम कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद उठाया गया है, जिसमें पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू करने की मांग की गई थी।

क्या UPS के तहत सभी को मिलेगा 50% पेंशन?

UPS के तहत, रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी का 50% पेंशन के रूप में देने की योजना है, लेकिन इसके लिए कुछ खास शर्तों को पूरा करना होगा। 24 जनवरी 2025 को जारी UPS की नोटिफिकेशन के अनुसार, यह पेंशन कैलकुलेशन एक विशेष फॉर्मूला के आधार पर किया जाएगा। इस फॉर्मूला के अनुसार, पेंशन की राशि कर्मचारियों के पिछले 12 महीनों के औसत बेसिक वेतन, नौकरी में बिताए गए महीनों की संख्या, पर्सनल कॉर्पस और बेंचमार्क कॉर्पस पर निर्भर करेगी।

पेंशन की कैलकुलेशन का फॉर्मूला
पेंशन = (P/2) x (Q/300) x (IC/BC)
जहां:
P = पिछले 12 महीनों का औसत बेसिक वेतन
Q = नौकरी में बिताए गए कुल महीनों की संख्या
IC = पर्सनल कॉर्पस (रिटायरमेंट फंड)
BC = बेंचमार्क कॉर्पस

कौन से कर्मचारी योग्य होंगे?

इस नई योजना के तहत, केवल वे कर्मचारी ही अपनी अंतिम सैलरी का 50% पेंशन के रूप में प्राप्त करेंगे जो 1 जनवरी से वेतन वृद्धि प्राप्त करते हैं और 31 दिसंबर को रिटायर होते हैं, या 1 जुलाई से वेतन वृद्धि प्राप्त करते हैं और 30 जून को उनकी सेवा समाप्त होती है। इसके अलावा, कर्मचारियों को कुछ विशेष शर्तों को पूरा करना होगा:

  1. कम से कम 25 साल की सेवा पूरी करनी होगी।
  2. पर्सनल कॉर्पस सरकार द्वारा निर्धारित बेंचमार्क कॉर्पस के बराबर होना चाहिए।
  3. पिछले 12 महीनों का औसत वेतन अंतिम सैलरी के बराबर होना चाहिए।

UPS और OPS के बीच अंतर

UPS और OPS के बीच मुख्य अंतर पेंशन कैलकुलेशन के तरीके में है। UPS में पेंशन का कैलकुलेशन पिछले 12 महीनों के औसत बेसिक वेतन के आधार पर किया जाएगा, जबकि OPS में यह अंतिम सैलरी के आधार पर तय किया जाता था। यह अंतर पेंशन की राशि पर प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि यदि किसी कर्मचारी की अंतिम सैलरी अधिक थी, तो OPS के तहत उसे बेहतर पेंशन मिलती थी। UPS में औसत बेसिक वेतन का ध्यान रखा जाएगा, जो कि एक नया तरीका है।

VRS के प्रावधान

नोटिफिकेशन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर कर्मचारी ने कम से कम 25 वर्षों की सेवा पूरी की है, तो उसकी पेंशन उसी तारीख से शुरू होगी जिस तारीख को वह रिटायर हुआ था। उदाहरण के लिए, यदि कोई कर्मचारी 21 साल की उम्र में नौकरी शुरू करता है और 25 साल की सेवा के बाद 46 साल की उम्र में VRS (Voluntary Retirement Scheme) लेता है, तो उसकी तय पेंशन 60 साल की उम्र के बाद शुरू होगी।

UPS से जुड़ी जानकारी कहां मिलेगी?

UPS से संबंधित सभी जानकारी और नोटिफिकेशन को PDF फॉर्मेट में डाउनलोड किया जा सकता है। सरकार का उद्देश्य कर्मचारियों को एक बेहतर पेंशन विकल्प प्रदान करना है, लेकिन इसके लिए तय शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा। इस योजना का लक्ष्य कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना और उनके भविष्य के लिए बेहतर विकल्प देना है।

यह UPS योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है, क्योंकि इसके तहत उन्हें अपने रिटायरमेंट के बाद पेंशन में स्थिरता और सुरक्षा मिलेगी।