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नकद लेनदेन में आगे ये राज्य, UPI से ज्यादा हो रहा है कैश ट्रांजैक्शन

भारत के कुछ राज्यों में लोग UPI से ज्यादा नगद लेनदेन को प्राथमिकता दे रहे हैं। जानें कौन से राज्य हैं नकद लेनदेन में सबसे आगे।

 
नकद लेनदेन में आगे ये राज्य, UPI से ज्यादा हो रहा है कैश ट्रांजैक्शन
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Top Cash Spending States: देश में कैश खर्च करने के मामले में तीन राज्यों ने बाजी मारी है. CMS कंजम्पशन रिपोर्ट 2025 के अनुसार बिहार पहली बार टॉप 3 कैश खर्च करने वाले राज्यों में शामिल हो गया है, जो काफी चौंकाने वाला तथ्य है. इससे पहले दिल्ली और उत्तर प्रदेश पहले से ही शीर्ष पायदान पर बने हुए थे. लेकिन इस बार बिहार की एंट्री को खास माना जा रहा है.

कैश से की जा रही है बड़ी खरीदारी

रिपोर्ट के अनुसार लोग अब भी बड़ी खरीदारी के लिए कैश का इस्तेमाल करना पसंद कर रहे हैं. इसमें एफएमसीजी प्रोडक्ट्स, होम डेकोर, और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे सामान शामिल हैं. सबसे खास बात यह है कि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर औसत मासिक खर्च में 72% की भारी बढ़ोतरी देखी गई है, जो पहले केवल 6% था. इससे साफ होता है कि लोग आज भी नकद लेन-देन को सुरक्षित और सहज मानते हैं.

ATM से हर महीने निकाले जा रहे औसतन ₹5,658

CMS रिपोर्ट बताती है कि 2025 में हर महीने औसतन ₹5,658 एटीएम से निकाले जा रहे हैं, जो पिछले साल के मुकाबले 3% ज्यादा है. इसका सीधा संकेत है कि डिजिटल पेमेंट्स के बावजूद कैश की मांग कम नहीं हुई है. लोग खासकर महंगे और प्रीमियम ब्रांड्स की खरीदारी के लिए दुकानों का रुख कर रहे हैं. जिससे मल्टी-ब्रांड आउटलेट्स पर खर्च में 12% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले साल इसमें 29% की गिरावट आई थी.

खर्च करने की आदतों में बड़ा बदलाव

यह भी देखा गया कि अब ग्राहक ब्रांड को लेकर ज्यादा सजग हो गए हैं. वे ऑनलाइन की बजाय दुकान पर जाकर सामान देख-परख कर कैश से भुगतान कर रहे हैं. इससे यह भी जाहिर होता है कि उपभोक्ताओं की खर्च की प्राथमिकताएं बदल रही हैं और वे क्वालिटी व ब्रांड वैल्यू को तरजीह दे रहे हैं.

2023 में आई थी गिरावट, अब फिर से दिख रहा उछाल

2023 में एफएमसीजी सेक्टर में 22% की गिरावट आई थी. लेकिन अब 2025 में इस सेक्टर ने 4% की सकारात्मक बढ़त दिखाई है. यह बताता है कि लोग अब फिर से जरूरी उत्पादों पर खर्च कर रहे हैं. खासकर खाने-पीने, घरेलू इस्तेमाल की चीज़ों और साफ-सफाई से जुड़े सामानों पर.

लोकल डिलीवरी और क्विक कॉमर्स में उछाल

CMS रिपोर्ट के मुताबिक, हाइपर-लोकल डिलीवरी और क्विक कॉमर्स की वजह से खरीदारी की शैली में बदलाव आया है. अब लोग घर बैठे तुरंत सामान मंगवाने को तरजीह दे रहे हैं. यही कारण है कि क्विक कॉमर्स में 10% की सालाना ग्रोथ दर्ज की गई है. इससे बाजार में तेजी से डिलीवरी वाले मॉडल की मांग और भी बढ़ी है.