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कोर्ट मैरिज करने के ये है Rules, जानिए डॉक्यूमेंट और पूरी प्रक्रिया

अगर आप भी लव मैरिज या कोर्ट मैरिज करना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद खास होने वाली है कई बार लोगों को कोर्ट मैरिज के बारे में पता नहीं होता यह भी नहीं पता होता कि कौन-कौन से डॉक्यूमेंट लगेंगे और कैसे करनी है आज की इस खबर में हम आपको पूरी प्रक्रिया शुरू से लेकर आखिर तक बताएंगे
 
कोर्ट मैरिज करने के ये है Rules, जानिए डॉक्यूमेंट और पूरी प्रक्रिया

Haryana Update : आज कल देखा जाए तो Court Marriage का ट्रैंड बढ़ रहा है। अधिकतर लोग Marriage के ताम-झाम से बचने के लिए Court Marriage के विकल्प को ही चुनते है। यदि आप अपने पार्टनर के साथ Court Marriage करने का प्लान बना रहे हैं लेकिन इसके नियम और प्रकिया को लेकर थोड़े कंफ्यूज हैं तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें। सबसे पहले तो यह बात समझ लें कि दो लोग Court Marriage सामाजिक या किन्हीं पारिवारिक कारणों की वजह से करते हैं। ऐसे में Court Marriage क्या है ,Court Marriage के नियम क्या हैं, इन सब सवालों के जवाब आपके Marriage करने से पहले ही आपके पास होने चाहिए। ताकि समय आने पर आप शर्मिंदा या परेशान होने से बच जाएं। आइे जानते हैं  Court Marriage करने वाले कपल्स को Marriage से पहले Court Marriage से जुड़े किन Rules के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। 

ये है Court Marriage के नियम 

Court Marriage करने के लिए लड़का और लड़की बालिग होने चाहिए। पुरुष की आयु 21 वर्ष से ज्यादा तथा महिला की उम्र 18 वर्ष से ज्यादा होना जरूरी है। 
इसके अलावा Marriage करने वाले लड़का और लड़की दोनों ही मानसिक रूप से स्टेबल यानि स्वस्थ होने चाहिए।
Marriage करने वाले लड़का और लड़की को मैरिज रजिस्ट्रार के सामने अपनी Marriage का आवेदन देना होता है।
Marriage का आवेदन करने वाले लड़का और लड़की पहले से शादीशुदा नहीं होने चाहिए।
यदि Marriage करने वाले लड़का या लड़की में से किसी ने पूर्व में Marriage की थी, तो उसका तलाक हुआ होना चाहिए या फिर उसका पति या पत्नी जीवित न हों।
Marriage करने वाले दोनों लड़का और लड़की की आपसी सहमती होनी चाहिए।
Marriage करने वाले लड़के और लड़की को एक फॉर्म ऑनलाइन डाउनलोड करना होता है। जिसमें उन्हें अपने Court Marriage का नोटिस डिक्लेरेशन करना होता है।

कैसे होती है Court Marriage?

Court Marriage, किसी भी धर्म और समुदाय के लोग कर सकते हैं, जिसे कानूनी माना जाता है। Court Marriage करने के लिए स्पेशल मैरिज एक्ट-1954 बनाया गया है, जिसके तहत कोर्ट में मैरिज ऑफिसर की देखरेख में Marriage करवाई जाती है। इस Marriage में किसी तरह के रीति-रिवाज नहीं होते।

Court Marriage करने के लाभ

Court Marriage करने से पैसों की बचत होती है। इस तरह की Marriage बहुत ही कम खर्च में संपन्न हो जाती है। इसके लिए किसी तरह की सजावट, लेन-देन या बड़े-बड़े प्रोग्राम में खर्चे नहीं करने पड़ते। 
शादियां को लेकर बहुत से रीति-रिवाज करने की टेंशन होती है। वहीं, Court Marriage में किसी तरह के रीति-रिवाज को पूरा करने की जरूरत नहीं होती। जिससे व्यक्ति को तनाव कम होता है।
Court Marriage कुछ ही घंटों में पूरी हो जाती है। जिससे व्यक्ति का समय बचता है।

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