Tenancy Act: क्या मकान मालिक जब चाहे घर खाली करवा सकता है? जानिए कानूनी प्रावधान!

Haryana update, Tenancy Act: भारत में संविधान ने सभी नागरिकों के मौलिक अधिकार सुरक्षित किए हैं। हाल के वर्षों में किराएदार और मकानमालिक के बीच विवाद तेजी से बढ़े हैं, जिसके कारण दोनों पक्षों को कई बार कानूनी झंझटों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में केंद्र सरकार ने इन विवादों को कम करने और दोनों पक्षों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए रेंट एग्रीमेंट का नियम लागू कर दिया है। इसे कानून की नजर में उल्लंघन करना एक आपराधिक अपराध माना जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि रेंट एग्रीमेंट के तहत किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
1. रेंट एग्रीमेंट का महत्व Tenancy Act
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स्पष्ट समझौता:
रेंट एग्रीमेंट वह लिखित दस्तावेज़ है जिसमें मकानमालिक और किराएदार के बीच किराए, रहने की अवधि, सुरक्षा मनी, मरम्मत, और अन्य शर्तों पर स्पष्ट समझौता होता है। -
कानूनी दायरा:
इस समझौते की शर्तों का उल्लंघन करना कानूनन अपराध है, जिसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
2. किराया बढ़ाने के नियम Tenancy Act
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नोटिस देना अनिवार्य:
आदर्श किराया अधिनियम, 2021 के अनुसार, कोई भी मकान मालिक अचानक किराया नहीं बढ़ा सकता। यदि किराया बढ़ाना हो तो मकान मालिक को कम से कम तीन महीने पहले किराएदार को नोटिस देना होगा। -
अनुचित दबाव नहीं:
मकानमालिक रेंट एग्रीमेंट में तय अवधि से पहले किराएदार को मकान खाली करने या किराया बढ़ाने का दबाव नहीं बना सकता।
3. सिक्योरिटी मनी और उसका प्रबंधन Tenancy Act
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एडवांस सिक्योरिटी की सीमा:
कोई भी मकान मालिक किराएदार से दो महीने से अधिक की एडवांस सिक्योरिटी मनी नहीं ले सकता है। -
वापसी का नियम:
जब किराएदार मकान खाली कर देता है, तो मकान मालिक को एक महीने के अंदर एडवांस सिक्योरिटी मनी वापस करनी होती है, जिससे किराएदार को अतिरिक्त वित्तीय बोझ न झेलना पड़े।
4. मूलभूत सुविधाओं का अधिकार Tenancy Act
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बिजली और पानी:
यदि किराएदार किसी कारणवश समय पर किराया नहीं चुका पा रहा है, तब भी मकान मालिक उसे पानी या बिजली की सुविधाओं से वंचित नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट ने इन सुविधाओं को मौलिक माना है।
5. मकान मालिक की एंट्री और निजता Tenancy Act
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अनुमति आवश्यक:
रेंट एग्रीमेंट के तहत मकान मालिक को किराएदार की अनुमति के बिना घर में प्रवेश करने का अधिकार नहीं है। -
निजीता का सम्मान:
चाहे किराएदार घर में न हो, मकान मालिक बिना पूर्व सूचना या अनुमति के घर की तलाशी नहीं ले सकता, जिससे किराएदार की निजता बनी रहे।
6. मकान खाली कराने से पहले नोटिस देना Tenancy Act
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पूर्व सूचना:
मकान मालिक को किराएदार को घर खाली करवाने से पहले उचित नोटिस देना अनिवार्य है। -
ठोस कारण:
बिना किसी ठोस कारण के अचानक मकान खाली करवाना रेंट एग्रीमेंट का उल्लंघन माना जाता है। यदि ऐसा करना आवश्यक हो तो मकान मालिक को स्पष्ट कारण देना होगा।
7. मरम्मत की जिम्मेदारी Tenancy Act
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मालिक की जिम्मेदारी:
मकान की मरम्मत और रख-रखाव की जिम्मेदारी सामान्यतः मकान मालिक की होती है। -
किराएदार की शर्तें:
यदि मकान मालिक किराएदार से मरम्मत का काम करवाने का प्रयास करते हैं, तो ऐसी स्थिति में किराएदार पर कोई अतिरिक्त खर्च नहीं डाला जा सकता।
8. रेंट एग्रीमेंट की शर्तों का पालन Tenancy Act
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एक बार तय शर्तें:
जब मकान मालिक और किराएदार रेंट एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर कर लेते हैं, तो उसके बाद दोनों पक्षों को उसी समझौते की शर्तों का पालन करना होता है। -
बदलाव पर रोक:
समझौते में बाद में किसी भी प्रकार का परिवर्तन करना संभव नहीं होता, जिससे दोनों पक्षों के अधिकार संरक्षित रहते हैं।
9. मकान मालिक के अधिकार Tenancy Act
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किराया न चुकाने पर:
आदर्श किराया अधिनियम, 2021 के अनुसार, यदि किराएदार पिछले दो महीनों का किराया नहीं चुका रहा है या घर में बिना अनुमति के गैरकानूनी वाणिज्यिक गतिविधि कर रहा है, तो मकान मालिक उचित नोटिस देकर किराएदार को घर खाली करने का आदेश दे सकता है। -
15 दिन का नोटिस:
ऐसी किसी भी कार्रवाई से पहले मकान मालिक को किराएदार को कम से कम 15 दिन का नोटिस देना अनिवार्य होता है।
10. रेंट एग्रीमेंट का उल्लंघन और शिकायत प्रक्रिया Tenancy Act
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उल्लंघन की स्थिति:
यदि मकान मालिक या किराएदार में से कोई भी रेंट एग्रीमेंट की शर्तों का उल्लंघन करता है, तो प्रभावित पक्ष रेंट अथॉरिटी के पास शिकायत दर्ज करा सकता है। -
कानूनी उपाय:
शिकायत दर्ज करने के बाद संबंधित प्राधिकरण द्वारा मामले की जांच की जाती है और यदि उल्लंघन सिद्ध होता है तो उचित कार्रवाई की जाती है।
11. राज्य-विशिष्ट नियम Tenancy Act
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केंद्र और राज्य के कानून:
हालांकि यह कानून केंद्र द्वारा बनाए गए हैं, कुछ राज्यों ने इन्हें अपनाया है या अपने कुछ नियमों में परिवर्तन किया है, लेकिन मूल रूप से इन नियमों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता है। -
स्थानीय नियम:
इसलिए, किराएदार और मकान मालिक को अपने राज्य के नियमों की भी जानकारी रखना जरूरी है।