Success Story: सिपाही को साहब ने भेजा चाय लेने, जब वापिस लौटा तो...

Success Story: देश में बेरोजगारी दर को देखते हुए, सरकारी नौकरी एक मैडल से कम नहीं है। सरकारी काम करना एक पुरस्कार जीतने के बराबर हो गया है। बेरोजगारी और जनसंख्या के बढ़ते प्रभाव स्पष्ट हैं। लाखों लोगों में से कुछ पदों को प्रतियोगी परीक्षा में भरा जाता है।
लाखों लोग हजार पदों पर भर्ती के लिए आवेदन करते हैं। रेलवे भर्ती में लगभग 2 करोड़ आवेदन आते हैं। आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की बात कर रहे हैं, जिन्होंने मंजिल नहीं खोई और जो कुछ भी मिल गया, उसे स्वीकार किया।
ये 33 वर्षीय श्यामबाबू हैं, जो बलिया के छोटे से गांव इब्राहिमाबाद में रहते हैं। जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब रही है। यह बहनों को स्कूल नहीं भेजा जा सका क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी थी। श्यामबाबू ने दसवीं पास करने के बाद ही सरकारी नौकरी की तलाश करने लगे।
अंततः, मेहनत ने रंग लाया और यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल बन गए। सिपाही बनने के बाद भी उन्होंने अपने लक्ष्य को पूरा करने की प्रतिज्ञा रखी थी। जब तक नौकरी से छुट्टी नहीं मिली, प्राइवेट शिक्षा जारी रखी। 2010 से पीसीएस परीक्षा देने का उनका लक्ष्य था।
2016 में पीसीएस परीक्षा में SDM बन गया और 52वीं रैंक हासिल की। 12वीं क्लास पास करने के बाद ही वे पुलिस में कांस्टेबल बन गए। 14 वर्षों से पुलिस में काम करने वाले श्यामबाबू को डिप्टी एसपी ने चाय लाने के लिए भेजा तो उनके फोन पर SMS आया कि वे पीसीएस परीक्षा पास कर चुके हैं।
जब श्यामबाबू ने चाय के साथ एसडीपी साहब को बताया कि मैं एसडीएम बन गया हूँ, DSP साहब ने उठे और श्यामबाबू को अभिवादन किया और मेज पर रखी चाय पिलाई। पुलिस में कांस्टेबल रहते हुए ही स्नातक किया था। श्यामबाबू आखिरकार छह बार SDM बन ही गए।
ये संदेश आईजी ने भेजा
IGP नवनीत सेकरा ने ट्विटर पर लिखा, "श्याम बाबू को 14 सालों की कड़ी मेहनत के बाद मिली सफलता के लिए बधाई।" उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद वे एसडीएम बन गए हैं। हम अपने सपनों को साकार करने की कोशिश कर सकते हैं या बहाने खोज सकते हैं। देश की सेवा करने के लिए उन्हें मेरी शुभकामनाएं।’
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