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Property Rights: जानिए कब और कैसे बहन को मिल सकता है भाई की संपत्ति में हक

भाई की संपत्ति में बहन का अधिकार भारतीय कानून के तहत निर्धारित है। जानिए किन परिस्थितियों में बहन को भाई की संपत्ति में हिस्सा मिलता है और इसके कानूनी प्रावधान क्या कहते हैं।

 
Property Rights: जानिए कब और कैसे बहन को मिल सकता है भाई की संपत्ति में हक
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Haryana Update: भारत में Property Rights को लेकर कई कानूनी प्रावधान तय किए गए हैं, जो मामले और परिस्थिति के अनुसार अलग-अलग तरीके से लागू होते हैं. पिता की Property में बेटियों के हक की बात करें तो पहले बेटों को ही प्राथमिकता दी जाती थी. लेकिन अब समय बदल चुका है. कानूनी संशोधन के बाद बेटियों को भी बराबरी का Right दिया गया है.

बेटियों को भी मिल चुका है बराबर का हक

पहले समाज में यह धारणा थी कि beti की शादी के बाद उसका पैतृक Property में कोई Right नहीं होता. लेकिन अब ऐसा नहीं है. आज के कानून के मुताबिक beti और बेटा दोनों को बराबर का हक मिलता है. पारिवारिक Property में beti का हिस्सा उतना ही वैध है जितना बेटे का.

स्वअर्जित और पैतृक Property में क्या है अंतर
अगर माता-पिता की Property स्वअर्जित है, तो वे अपनी इच्छा अनुसार उसे किसी के भी नाम कर सकते हैं — beti को दें तो बेटा दावा नहीं कर सकता. लेकिन अगर Property पैतृक है. यानी पूर्वजों से प्राप्त हुई है, तो उस पर बेटा और beti दोनों का समान Right रहेगा. माता-पिता ऐसी Property को एकतरफा किसी एक के नाम नहीं कर सकते.


सामान्य स्थिति में भाई की Property पर बहन का कोई Right नहीं होता. लेकिन 2005 में ‘हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम’ (Hindu Succession Act) में एक महत्वपूर्ण संशोधन किया गया. इसके अनुसार अगर भाई की मृत्यु बिना वसीयत के होती है और उसके पीछे पत्नी या संतान नहीं हैं, तो बहन उसकी Property पर दावा कर सकती है.

कोर्ट में दावा करने का हक किसे होता है?
इस स्थिति में केवल bahan ही नहीं. भाई के अन्य जीवित भाई भी Property पर Right जता सकते हैं. कानून के अनुसार अगर मृतक की कोई प्रथम श्रेणी की वारिस (जैसे पत्नी या बच्चे) नहीं है, तो उसकी Property पर दूसरी श्रेणी के वारिस (जैसे भाई और बहन) कानूनी दावा कर सकते हैं. ये दावे कोर्ट में प्रस्तुत किए जा सकते हैं.

वसीयत न होने की स्थिति में bahan का दावा कैसे माना जाएगा?
अगर भाई ने कोई वसीयत (Will) नहीं बनाई है, तो Property का बंटवारा उत्तराधिकार कानून के अनुसार होगा. इस स्थिति में बहन को दूसरी श्रेणी का varis माना जाएगा. यानी अन्य दावेदार न होने पर या कानूनी प्रक्रिया में संतुलन होने पर बहन को भाई की पूरी Property का Right भी मिल सकता है.