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सीनियर सिटीजंस के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में 10% बढ़ोतरी, अब फटाफट करें चेक!

सीनियर सिटीजंस के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में 10% की बढ़ोतरी की गई है। यह वृद्धि हाल ही में सरकार और इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा लागू की गई है। अगर आप सीनियर सिटीज़न हैं और हेल्थ इंश्योरेंस ले रहे हैं, तो यह आपके लिए अहम अपडेट हो सकता है। बढ़े हुए प्रीमियम के कारण आपके बजट पर असर पड़ सकता है, इसलिए जल्दी से चेक करें कि आपकी पॉलिसी पर क्या असर हुआ है।
 
सीनियर सिटीजंस के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में 10% बढ़ोतरी, अब फटाफट करें चेक!
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 Haryana update : अगर आप एक सीनियर सिटीजन हैं तो आपके लिए यह खबर बेहद महत्वपूर्ण है। इंश्योरेंस सेक्टर की रेगुलेटर संस्था IRDAI (भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण) ने हाल ही में सीनियर सिटीजंस के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में 10% तक की वृद्धि करने का आदेश जारी किया है। इस फैसले से सीनियर सिटीजंस को अपने हेल्थ इंश्योरेंस की लागत पर एक नई राहत और समस्या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।

IRDAI का फैसला और 10% की बढ़ोतरी
30 जनवरी 2025 को, IRDAI ने बीमा कंपनियों को आदेश दिया कि वे सीनियर सिटीजंस के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में सालाना 10% तक की वृद्धि कर सकती हैं, लेकिन इससे अधिक वृद्धि करने के लिए बीमा कंपनियों को पहले रेगुलेटर से मंजूरी लेनी होगी। इस फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए प्रीमियम में भारी वृद्धि कर सकती हैं, लेकिन यह वृद्धि 10% से अधिक नहीं हो सकती।

सवाल उठ रहे हैं इस फैसले पर
हालांकि इस आदेश को लेकर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। विशेष रूप से सीनियर सिटीजंस के लिए जब नियमित आय का कोई स्थिर स्रोत नहीं होता, तो उनके लिए 10% की वृद्धि भी एक बड़ी चुनौती बन सकती है। इस फैसले से सवाल यह उठता है कि क्या सीनियर सिटीजंस की आय हर वर्ष 10% तक बढ़ रही है, जैसा कि प्रीमियम में बढ़ोतरी के लिए अनुमति दी गई है। इसके अलावा, महंगाई दर और आर्थिक परिस्थितियों के कारण क्या यह फैसला उचित है, यह भी चर्चा का विषय है।

आईआरडीएआई का बयान
आईआरडीएआई ने अपने आदेश में यह भी कहा कि यदि सीनियर सिटीजंस के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में कोई प्रस्तावित वृद्धि 10% से ज्यादा होती है, तो बीमा कंपनियों को इसे पहले से रेगुलेटर से अनुमोदित करवाना होगा। इसके साथ ही, आईआरडीएआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स पर कड़ी निगरानी रखेगा और कंपनियों के प्रीमियम में वृद्धि को सख्ती से नियंत्रित करेगा।

बीमा कंपनियों के लिए निर्देश
भारतीय बीमा नियामक ने सभी जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे सीनियर सिटीजंस के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में सालाना 10% से अधिक वृद्धि न करें। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सीनियर सिटीजंस को अत्यधिक वित्तीय बोझ का सामना न करना पड़े और उनकी स्वास्थ्य देखभाल के लिए प्रीमियम की बढ़ोतरी सीमित रहे।

निश्चित अवधि के लिए कोई राहत नहीं
इस फैसले के बाद, हालांकि कुछ लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि यह कदम सीनियर सिटीजंस के लिए अधिक सुरक्षित और किफायती हेल्थ इंश्योरेंस सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है। कुछ लोग इसे भारतीय रेलवे द्वारा सीनियर सिटीजंस को दी जाने वाली रेल किराए में छूट को वापस लेने जैसे ही मान रहे हैं।
आईआरडीएआई का यह फैसला सीनियर सिटीजंस के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को लेकर कुछ आशंकाओं को जन्म देता है। हालांकि यह कदम स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के लिए एक दिशा निर्धारित करता है, लेकिन इसके सामाजिक और आर्थिक प्रभावों पर व्यापक विचार किया जाना चाहिए।