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"UPI यूजर्स सावधान! SBI ने जारी किया बड़ा अलर्ट, जानें क्या है खतरा

SBI ने UPI यूजर्स के लिए एक बड़ा अलर्ट जारी किया है। बैंक ने बताया कि साइबर फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं, जहां फर्जी लिंक और कॉल के जरिए यूजर्स से उनकी बैंक डिटेल्स ली जा रही हैं। SBI ने सलाह दी है कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और अपनी गोपनीय जानकारी शेयर करने से बचें। जानें इस खतरे से कैसे बचा जा सकता है।
 
"UPI यूजर्स सावधान! SBI ने जारी किया बड़ा अलर्ट, जानें क्या है खतरा
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Haryana update : भारत में डिजिटल लेनदेन की तेजी से बढ़ती प्रवृत्ति ने वित्तीय लेनदेन को सरल और सुविधाजनक बनाया है। यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने इसमें एक क्रांति ला दी है। हर दिन लाखों लोग यूपीआई के जरिए भुगतान कर रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही साइबर फ्रॉड की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। फर्जी ऐप्स और धोखाधड़ी के नए तरीके यूपीआई उपयोगकर्ताओं के लिए गंभीर खतरा बन गए हैं। अगर आप भी यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं, तो सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

एसबीआई की चेतावनी: फ्रॉड से बचने के लिए सावधानी बरतें

भारतीय स्टेट बैंक (SBI), देश के सबसे बड़े बैंक, ने अपने ग्राहकों को यूपीआई फ्रॉड के बढ़ते मामलों को लेकर चेतावनी जारी की है। एसबीआई ने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे किसी भी अप्रत्याशित डिपॉजिट या "कलेक्ट रिक्वेस्ट" पर बिना सत्यापन के प्रतिक्रिया न दें। बैंक ने बताया कि साइबर अपराधी नकली ट्रांजैक्शन का स्क्रीनशॉट और मैसेज बनाकर लोगों को धोखा दे रहे हैं।

बैंक ने विशेष रूप से यह कहा है कि अगर आपको कोई संदिग्ध कॉल या मैसेज आता है, जिसमें गलती से पैसे ट्रांसफर होने की बात कही जाती है, तो पहले जांच करें। इस प्रकार के फ्रॉड से बचने के लिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।

यूपीआई के जरिए होने वाले आम फ्रॉड कैसे काम करते हैं?

1. नकली यूपीआई ऐप्स का इस्तेमाल

साइबर अपराधियों ने नकली यूपीआई ऐप्स बनाकर लोगों को ठगने का नया तरीका निकाला है। ये ऐप्स देखने में असली ऐप्स जैसे लगते हैं, लेकिन असल में ये ठगी के लिए बनाए गए हैं।

2. नकली ट्रांजैक्शन और मैसेज

अपराधी नकली ट्रांजैक्शन का स्क्रीनशॉट बनाकर उसे असली दिखाने की कोशिश करते हैं। फिर वे पीड़ित को कॉल करके बताते हैं कि गलती से पैसे ट्रांसफर हो गए हैं और उन्हें वापस करने की अपील करते हैं।

3. “कलेक्ट रिक्वेस्ट” का दुरुपयोग

कई बार धोखेबाज "कलेक्ट रिक्वेस्ट" भेजते हैं, जिसमें पैसे भेजने की अनुमति मांगी जाती है। अगर आप बिना जांच किए इसे स्वीकार कर लेते हैं, तो आपके खाते से पैसे कट सकते हैं।

यूपीआई यूजर्स के लिए जरूरी सावधानियां

अगर आप यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतनी चाहिए:

1. नकली ऐप्स से बचें

  • केवल आधिकारिक ऐप स्टोर से यूपीआई ऐप्स डाउनलोड करें।
  • डाउनलोड करने से पहले ऐप के रिव्यू और डेवलपर की जानकारी जांचें।

2. हर ट्रांजैक्शन की पुष्टि करें

  • जल्दबाजी में पैसे ट्रांसफर न करें।
  • ट्रांजैक्शन करने से पहले बैंक खाते का विवरण और प्राप्तकर्ता की जानकारी जांच लें।

3. फर्जी कॉल्स और मैसेज से बचें

  • किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज का तुरंत जवाब न दें।
  • अगर कोई गलती से पैसे ट्रांसफर होने की बात कहे, तो पहले अपने खाते की जांच करें।

4. पासवर्ड और पिन की सुरक्षा करें

  • अपना यूपीआई पिन और पासवर्ड किसी से साझा न करें।
  • पब्लिक नेटवर्क का इस्तेमाल करते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतें।

5. साइबर क्राइम हेल्पलाइन का उपयोग करें

  • किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर पर दें।
  • तुरंत अपनी बैंक शाखा को सूचित करें।

डिजिटल लेनदेन के जोखिम और समाधान

डिजिटल लेनदेन की लोकप्रियता के साथ-साथ इसके जोखिम भी बढ़ गए हैं। लेकिन सही जानकारी और सावधानी से इन खतरों से बचा जा सकता है।

तकनीकी उपाय

  • यूपीआई ऐप्स में मौजूद सिक्योरिटी फीचर्स का इस्तेमाल करें।
  • नियमित रूप से अपने ऐप्स और सिस्टम को अपडेट रखें।

जागरूकता अभियान

सरकार और बैंक यूपीआई फ्रॉड के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रहे हैं। एसबीआई जैसी संस्थाएं ग्राहकों को सतर्क रहने के लिए नियमित चेतावनियां जारी करती हैं।

ग्राहकों की जिम्मेदारी

ग्राहकों को अपनी ओर से भी सतर्क रहना चाहिए। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में जल्दबाजी में निर्णय न लें और अपनी जानकारी को सुरक्षित रखें।

यूपीआई ने भारत में डिजिटल भुगतान को आसान और तेज बना दिया है। हालांकि, इसके साथ जुड़े साइबर फ्रॉड ने उपयोगकर्ताओं के लिए नई चुनौतियां पैदा की हैं। जागरूकता, सतर्कता और सही जानकारी से इन जोखिमों से बचा जा सकता है। एसबीआई और अन्य बैंक द्वारा जारी की गई चेतावनियों पर ध्यान दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत शिकायत करें। ऐसा करके न केवल आप अपने वित्तीय लेनदेन को सुरक्षित बना सकते हैं, बल्कि साइबर अपराधियों के जाल से भी बच सकते हैं।