logo

Sarso Tel: सरसों तेल पर यहां लगा बैन, जानें इसके पीछे का कारण

Sarso Tel: कुछ स्थानों पर सरसों तेल पर बैन लगा दिया गया है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम उपभोक्ताओं की सेहत को ध्यान में रखते हुए उठाया है। जानें किस राज्य या इलाके में बैन लागू किया गया और इसके कारण क्या हैं।
 
 
 Sarso Tel: सरसों तेल पर यहां लगा बैन, जानें इसके पीछे का कारण
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Haryana update, Sarso Tel: सरसों का तेल भारतीय रसोई का एक अनिवार्य हिस्सा है। न केवल यह खाने के स्वाद में चार चांद लगाता है, बल्कि इसकी सुगंध भी खाने को और खास बना देती है। भारतीय घरों से लेकर होटल और रेस्टोरेंट्स तक, सरसों के तेल का उपयोग हर जगह बड़े उत्साह से किया जाता है। गरीब और मिडिल क्लास परिवार इसे इसलिए भी पसंद करते हैं क्योंकि इसकी कीमत अपेक्षाकृत कम होती है और यह स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।

हाल ही में सरसों के तेल पर बैन लगाने की खबर ने लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। खासतौर पर, अमेरिका में सरसों के तेल पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके पीछे का मुख्य कारण है इसमें पाया जाने वाला इरुसिक एसिड।
इरुसिक एसिड एक मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड है, जो अगर अत्यधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो हार्ट हेल्थ, फेफड़ों और त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। डाक्टरों का कहना है कि इरुसिक एसिड की थोड़ी मात्रा सुरक्षित हो सकती है, लेकिन लंबे समय तक उच्च मात्रा में सेवन से दिल की बीमारियाँ, फेफड़ों के रोग और स्किन प्रॉब्लम्स होने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, इन अध्ययनों में आम तौर पर अत्यधिक मात्रा का सेवन किया गया है, फिर भी विशेषज्ञ इसे लेकर सचेत रहने की सलाह देते हैं।

सरसों के तेल के फायदे

भारतीय खाने में सरसों के तेल का उपयोग कई कारणों से किया जाता है:

  • स्वाद और सुगंध:
    सरसों का तेल खाने में एक अनूठा स्वाद और सुगंध लाता है, जिससे भोजन और भी आकर्षक बन जाता है।
  • स्वास्थ्यवर्धक गुण:
    कई शोध बताते हैं कि सरसों का तेल ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में, पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण शरीर को हानिकारक फ्री-रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है।
  • कम कीमत:
    भारतीय बाजार में सरसों का तेल अन्य तेलों की तुलना में किफायती होने के कारण गरीब और मिडिल क्लास लोग इसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करते हैं।

सरसों के तेल पर बैन लगाने की खबर

हालांकि भारतीय रसोई में सरसों के तेल का इस्तेमाल सदियों से होता आया है, परंतु हाल ही में इस तेल पर बैन लगाने की खबर ने चर्चा का विषय बना दिया है। अमेरिका में सरसों के तेल को मंजूरी नहीं दी गई है, क्योंकि वहाँ के नियामक एजेंसियाँ मानती हैं कि इसमें इरुसिक एसिड का स्तर बहुत अधिक होता है। इसका उच्च स्तर संभावित रूप से हार्ट की बीमारियों, फेफड़ों के रोगों और त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।

इरुसिक एसिड और स्वास्थ्य

इरुसिक एसिड की मात्रा अगर सामान्य स्तर से अधिक हो जाए तो यह स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। हालांकि, अधिकांश अध्ययनों में यह देखा गया है कि आम तौर पर मानव द्वारा उपयोग की जाने वाली मात्रा सुरक्षित होती है, लेकिन लगातार उच्च मात्रा में सेवन से दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं। इसीलिए, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि यदि कोई व्यक्ति सरसों के तेल का सेवन करता है तो उसे संयम बरतना चाहिए और संतुलित मात्रा में ही उपयोग करना चाहिए।

सरसों के तेल का उपयोग और विकल्प

भारतीय रसोई में सरसों के तेल का उपयोग खासतौर से नॉनवेज के व्यंजनों में, अचार बनाने में, और कई प्रकार के चटनी और मसालों में किया जाता है। यह तेल खाने के स्वाद को बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण भी लोकप्रिय है। अगर किसी को चिंताएँ हैं तो वह अन्य स्वस्थ विकल्प जैसे ऑलिव ऑयल या तिल के तेल का विकल्प चुन सकते हैं, लेकिन इन तेलों की कीमत और स्वाद में अंतर होता है।