Haryana Punchayat Elections: हरियाणा में मौत के बाद मिली सरपंची, जानिए पूरा मामला
Haryana Punchayat Elections: प्रत्याशी राजबीर सिंह ने सरपंच पद के लिए नामांकन किया था. चुनाव प्रचार के बीच राजबीर को ब्रेन हेमरेज हो गया, जिसके बाद हस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन राजबीर ने दम तोड दिया. लोगों ने मृतक के पक्ष में खुलकर मतदान किया और उसे विजय बनाकर श्रद्धांजलि दी.
पत्नी रजनी का कहना है कि वह अक्सर गांव के विकास की बात किया करते थे. पहले भी चुनाव जीत चुके थे और इस बार फिर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन ब्रेन हेमरेज की वजह से उनकी मृत्यु हो गई.
उन्होंने कहा कि जब वो ही नहीं रहे, तो इस जीत का उनके लिए कोई मायने नहीं हैं. पत्नी रजनी गांव वालों का आभार व्यक्त करती हैं कि गांव वालों ने उनके पति को सरपंच बनाया. साथ ही कहा कि अब उनके परिवार के ही किसी सदस्य को यह जिम्मेवारी सौंपी जानी चाहिए.
तीन दिन तक चला इलाज
चाचा रामस्वरूप बताते हैं कि नवंबर को राजवीर सिंह को ब्रेन हेमरेज हुआ था. उन्हें शाहबाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 4 नवंबर को राजवीर सिंह की मृत्यु हो गई थी. अब गांव वालों ने उसे सरपंच चुना है तो हमारा परिवार पूरे गांव का धन्यवाद करता है.
राजवीर सिंह पहले भी चुनाव लड़ चुके है, जिसमें एक बार जीत, एक बार हार का सामना करना पड़ा है. सरपंच पद की प्रक्रिया को लेकर जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये कानूनी प्रक्रिया है, उसी हिसाब से होगी.
गांव के ही रहने वाले प्यारा सिंह सिद्धू राजबीर सिंह के सरपंच बनने के बाद उनसे बहुत उम्मीद रखते थे कि वो गांव में विकास कार्य कराएंगे, अनिल कुमार बताते है कि राजबीर सिंह एक अच्छे व्यक्तित्व के इंसान थे और उनकी मृत्यु के बाद पूरे गांव ने ये ठान लिया था कि अब उन्हें सरपंच बना कर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.
चुनाव कराने की प्रक्रिया पर क्या कहते हैं अधिकारी
प्रत्याशी की मृत्यु के बाद चुनाव कराए जाने की प्रक्रिया को लेकर जब DDPO प्रताप सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि गांव में सरपंच पद के लिए 3 प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें से राजबीर सिंह की मौत हो चुकी थी, लेकिन 2 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला था.
अब राजबीर सिंह की जीत हुई है. इसकी रिपोर्ट स्टेट इलेक्शन कमीशन को भेजी जाएगी. अगले 6 महीने में दोबारा इलेक्शन कराए जाएंगे. जब उनसे पूछा गया की इलेक्शन को पहले ही स्थगित क्यों नहीं किया गया तो उन्होंने बताया कि अगर 2 प्रत्याशी मैदान में होते हैं और उनमें से एक की मौत हो जाती है तो इसकी रिपोर्ट इलेक्शन कमीशन को भेजी जाती है.
इसके बात चुनाव को स्थगित करने का निर्णय लिया जाता है, लेकिन जनदेडी गांव में 3 प्रत्याशी मैदान में थे, इसलिए चुनाव को नहीं टाला गया. एसडीएम कपिल का कहना है कि गांव में चुनाव दोबारा से कराए जाएंगे. तब तक के लिए गांव के एक पंच को कार्यवाही सरपंच नियुक्त किया जाएगा.