logo

RBI Alert: लोन न भरने वालों के लिए नई सख्ती, बैंकों को जारी हुए निर्देश!

RBI Alert: हाल ही में रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निर्देशित किया है कि अगर कोई व्यक्ति जान-बूझकर लोन (loan) नहीं चुका रहा है तो उसे 'विलफुल डिफॉल्टर' यानी जानबूझकर लोन चुकाने वाले डिफॉल्टर की सूची में डाला जाए। बैंकों ने ऐसे मामलों में थोड़ा समय देने की मांग की थी, लेकिन आरबीआई ने इसे खारिज कर दिया और कहा है कि अब ऐसे लोन डिफॉल्टरों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
 
RBI Alert: लोन न भरने वालों के लिए नई सख्ती, बैंकों को जारी हुए निर्देश!
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Haryana Update, RBI News: बैंकिंग अब हमारे दैनिक जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है, और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन ने हमारे खर्च और भुगतान करने के तरीके को बेहद सुविधाजनक बना दिया है। अब हम छोटी से छोटी रकम भी ऑनलाइन चुकता कर सकते हैं। लेकिन इसके साथ-साथ बैंकों द्वारा लोन (loan) लेने और चुकाने के लिए भी कुछ नियम बने हैं, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। इन नियमों के मुताबिक, अगर लोन नहीं चुकाया जाता तो बैंकों को ग्राहक के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार होता है। इसके लिए आरबीआई ने कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो लोन न चुकाने वालों के लिए सख्त फैसले लेकर आए हैं।

आरबीआई (RBI) के नए आदेश

हाल ही में रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देशित किया है कि अगर कोई व्यक्ति जान-बूझकर लोन (loan) नहीं चुका रहा है तो उसे 'विलफुल डिफॉल्टर' यानी जानबूझकर लोन चुकाने वाले डिफॉल्टर की सूची में डाला जाए। बैंकों ने ऐसे मामलों में थोड़ा समय देने की मांग की थी, लेकिन आरबीआई ने इसे खारिज कर दिया और कहा है कि अब ऐसे लोन डिफॉल्टरों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

विलफुल डिफॉल्टर कौन होते हैं?

विलफुल डिफॉल्टर वे लोग होते हैं जिनके पास पैसे या अन्य संसाधन होते हैं, जैसे अच्छी नौकरी, संपत्ति या कारोबार, लेकिन इसके बावजूद वे जान-बूझकर लोन चुकाने से इनकार कर देते हैं। आरबीआई का कहना है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उन्हें जल्द से जल्द लोन चुकाने के लिए मजबूर किया जाएगा।

लोन की रिकवरी कैसे होती है?

अगर कोई व्यक्ति 90 दिनों तक अपनी ईएमआई नहीं भरता है, तो उसका खाता एनपीए (NPA) घोषित कर दिया जाता है और इसके बाद बैंक लोन (bank loan) की रिकवरी शुरू कर देते हैं। यदि यह स्थिति स्पष्ट होती है कि व्यक्ति जान-बूझकर लोन नहीं चुका रहा है, तो उसे विलफुल डिफॉल्टर की सूची में डाल दिया जाएगा, लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान लोन लेने वाले को अपना पक्ष रखने का मौका भी दिया जाता है।

गारंटर को भी हो सकती है परेशानी

अक्सर बैंकों में लोन लेने के साथ गारंटर भी रखा जाता है। अगर लोन लेने वाला अपने लोन की ईएमआई चुकाने में असफल रहता है, तो गारंटर से भी राशि वसूल की जा सकती है। इसके अलावा, विलफुल डिफॉल्टरों की तस्वीरें सार्वजनिक करने की भी योजना बन सकती है, ताकि उनकी स्थिति और उनके कृत्य पर समाज का दबाव बन सके।