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लोन न भरने वालों को RBI ने दी बड़ी राहत, अब सो सकेंगे चैन से

लोन न भरने वालों के लिए आरबीआई ने एक बड़ा अपडेट जारी किया है अगर आपने भी लोन ले रखा है और उसे चुका नहीं पा रहे तो यह खबर आपको जरूर जान लेनी चाहिए आरबीआई ने हाल ही में एक बड़ा ऐलान किया है जिसके चलते लोन न भरने वालों को यह पांच अधिकार मिलेंगे
 
लोन न भरने वालों को RBI ने दी बड़ी राहत, अब सो सकेंगे चैन से 

Haryana Update : Loan लेने की जरूरत किसी को भी पड़ सकती है. Home Loan हो या Personal Loan, जब भी आप एक बार कर्ज ले लेते हैं तो अवधि की समाप्ति तक आपको EMI देना ही होता है. अगर आप Loan की मासिक किस्‍त यानी EMI चुकाने में असफल रहते हैं तो इसका तत्‍काल नतीजा पेनाल्‍टी के तौर पर नजर आता है. हालांकि, इसके दूरगामी परिणाम भी आपको देखने को मिलते हैं. 

CLXNS के एमडी एवं सीईओ मानवजीत सिंह के अनुसार, अगर आपको लगता है कि आप समय पर Loan की राशि चुकाने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, तो आप शुरुआत में ही कुछ कदम तैयारियां कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर आप Loan की अवधि बढ़ा सकते हैं, जिससे EMI घट जाती है.

इसी तरह, Loan संबंधी शर्तों को निर्धारित करने से पहले अपने फाइनेंशियल स्थिति को व्यवस्थित करना और Loan का पुनर्गठन करना भी एक बड़ी मदद हो सकती है. आप फाइनेंशियल Emergency के कारण अस्थायी राहत का अनुरोध भी कर सकते है हैं, लेकिन आपको भी जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है.

सिंह कहते हैं कि अगर आप ऐसे उपाय नहीं कर पाए या आप जो कुछ भी कर सकते थे, उसके बाद भी आप Loan का रीपेमेंट नहीं कर पाए हैं तो Loan डिफॉल्टर के रूप में आपको अपने अधिकारों के बारे में जरूर  पता होना चाहिए. कानून के अनुसार, वित्तीय संस्थान उधार ली गई पैसे की वसूली के लिए भी कदम उठाता है. उधारदाताओं और Banks को ऐसा करते समय मानदंडों का भी  पालन करना होता है. Loan लेने वालों के भी कुछ अधिकार हैं जिन्‍हें जानना बेहद जरूरी है.


उचित मूल्य का अधिकार-
यदि आप अपना बकाया चुकाने में असमर्थ रहे हैं और bank ने भुगतान की वसूली के लिए आपकी संपत्ति की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है, तो आपको bank से इसकी सूचना देने वाला एक नोटिस प्राप्त होना चाहिए. इसमें संपत्ति/एसेट्स के लिए उचित मूल्य, नीलामी के समय व तारीख का विवरण, आरक्षित मूल्य आदि का उल्लेख भी होना चाहिए. Loan डिफॉल्टर के रूप में आपका अधिकार आपको आपत्ति करने का अधिकार देता है यदि संपत्ति का मूल्यांकन भी  कम किया गया है.

कॉन्‍ट्रैक्‍ट की शर्तों का अधिकार-
सिंह के अनुसार, bank या कोई भी थर्ड पार्टी वसूली एजेंट दिन के किसी भी समय कर्जदार को Loan राशि चुकाने के लिए परेशान या बाध्य नहीं कर सकता है. आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, Banks को वसूली कार्य की आउटसोर्सिंग करते समय एक आचार संहिता का पालन करना होगा और ग्राहकों को अत्यधिक संवेदनशीलता के साथ संभालने के लिए प्रशिक्षित एजेंटों की नियुक्ति करनी होगी. उन्हें Call करने के घंटे और ग्राहक की जानकारी की गोपनीयता के बारे में जरूर पता होना चाहिए. रिकवरी का टाइम और स्थान पहले से तय किया जा सकता है, Example के लिए सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के बीच.

आय संतुलन का अधिकार-
यदि संपत्ति की बिक्री के बाद बरामद धन से कोई अतिरिक्त राशि है, तो Loan देने वाले संस्‍थानों को इसे लौटाना होगा. चूंकि संपत्ति या परिसंपत्ति का मूल्य भी किसी भी समय बढ़ सकता है, इसलिए इसका मूल्य उस पैसे से अधिक हो सकता है जो आपको bank को चुकाना था. इसलिए, नीलामी प्रक्रिया की निगरानी करना Imp है.

सभ्य नागरिकों जैसा व्यवहार पाने का अधिकार-
सिंह कहते हैं कि यह आपका अधिकार है कि आपके साथ सभ्यतापूर्वक व्यवहार भी किया जाए. आप कानूनी तरीकों का Use कर सकते हैं यदि बैंक/कर्जदाता के प्रतिनिधि चिल्लाते है या शारीरिक हिंसा कर रहे हैं या धमकी दे रहे हैं. बैंक/कर्जदाता को आपके साथ वसूली एजेंट का विवरण भी साझा करना होगा. एजेंट के पास जाते समय आपकी Privacy का सम्मान भी करना चाहिए और सभ्य तरीके से व्यवहार भी करना चाहिए.

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