Rain alert : बारिश और ओलावृष्टि से बदलेगा मौसम, IMD ने जारी किया 48 घंटे का अलर्ट

आज सुबह की बारिश और मौसम की स्थिति
आज सुबह लगभग छह बजे के आसपास नई दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में तेज बारिश हुई। इस बारिश से न केवल आकाश में बादल छाए रहे, बल्कि तेज हवाओं के चलते लोगों को अचानक ठंड का अनुभव हुआ। बारिश की वजह से तापमान में गिरावट आई है, जिससे दिन भर का मौसम कुछ बदल सा गया है। हल्की-फुल्की बूंदाबांदी के साथ-साथ कुछ इलाकों में जोरदार बारिश भी देखी गई है, जिसने वातावरण को खुशनुमा बना दिया है।
कृषि और फसलों पर प्रभाव
बारिश की इस बूंदाबांदी का कृषि पर भी सकारात्मक असर होने की उम्मीद है। लगातार बढ़ते तापमान और सूखे की वजह से फसलों को काफी नुकसान हो रहा था। आज हुई तेज बारिश से खेतों में नमी बनी है और किसानों को राहत मिलेगी। खासकर उन क्षेत्रों में जहां पहले सूखे की स्थिति बनी हुई थी, इस बारिश से फसलों के लिए जरूरी पानी उपलब्ध हो सकेगा। इससे फसल उत्पादन में सुधार और किसानों की चिंता में कमी आने की संभावना है।
प्रभावित जिले और संभावित बारिश के क्षेत्र
मौसम विभाग ने बताया है कि दिल्ली-एनसीआर में, साथ ही हरियाणा के पानीपत, गोहाना, गन्नौर, सोनीपत, रोहतक, खरखौदा जैसे जिलों में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है। उत्तर प्रदेश के करनाल, राजौंद, असंध और सफीदों, तथा यूपी के शामली और कांधला क्षेत्रों में भी बारिश के आसार हैं। साथ ही, कुछ क्षेत्रों में बिजली गिरने की भी संभावना जताई जा रही है, जिससे सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
पहाड़ी क्षेत्रों में विशेष अलर्ट
पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में भी बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी है। मौसम विभाग ने कहा है कि पहाड़ी इलाकों में जारी बारिश या बर्फबारी की गतिविधियाँ पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत आसपास के मैदानी क्षेत्रों में भी असर डाल सकती हैं। दिन के समय मौसम में सक्रियता बनी रहने की संभावना है, जिससे आगे भी बदलते मौसम की स्थिति बनी रहेगी।
तापमान का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों में न्यूनतम तापमान लगभग 15 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है, जबकि अधिकतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस तक देखा जा सकता है। मार्च के शुरुआती दिनों तक बादलों का छाया रहना और हल्की बारिश के साथ तेज हवाओं का चलना जारी रहेगा। पांच मार्च के बाद मौसम में फिर से परिवर्तन की संभावना जताई गई है, जिससे तापमान में वृद्धि हो सकती है।